डबली खुर्द सरकारी स्कूल में जगह का अभाव, तो स्कूल प्रशासन ने समस्या को ग्रामीणों से साझा कर दिया सुझाव
स्कूल स्टाफ ने पहल कर सहयोग के लिए बढ़ाए हाथ तो सामुदायिक भावना से ग्रामीणों ने भी दिया साथ, एक पखवाड़े में ही हुआ समस्या का समाधान
टिब्बी। परिस्थितियां कुछ भी हो, मनुष्य को अपने जीवन का पथ कभी नहीं बदलना चाहिए। अंतत: इसका परिणाम आपके पक्ष में ही होगा। सोचो, निर्णय करो और उसके परिणाम के लिए तत्पर रहो। ऐसा ही उदाहरण डबली खुर्द के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के स्कूल स्टाफ ने प्रस्तुत किया है। विद्यालय में निरंतर बढ़ रहे नामांकन के कारण विद्यालय में जगह के अभाव की समस्या को विद्यालय प्रशासन ने ग्रामीणों के समक्ष रखा। और समाधान के लिए विद्यालय के साथ की आबादी की भूमि क्रय करने के सुझाव को सांझा किया। और ग्रामीणों ने इस सुझाव को मिशन बनाकर सामुदायिक भावना से कार्य करने का आश्वासन दिया। इस आश्वासन को मात्र एक पखवाड़े में ही ग्रामीणों ने समर्पण भाव से पूरा भी किया।
विद्यालय स्टाफ ने 51 हजार के सहयोग से की पहल, तो प्रेरित होकर ग्रामीणों ने भी बढ़ाए हाथ, समस्या का हुआ समाधान
यदि अनुभव के साथ युवा शक्ति साथ हो जाए और वे आपस में मिले और कुछ कर गुजरने की ठान ले तो निश्चित ही नवनिर्माण करने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसा उदाहरण डबली खुर्द के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला। विद्यालय प्रधानाचार्य सतीश कुमार के नेतृत्व में विद्यालय के स्टाफ सदस्यों इसके लिए पहल करते हुए 51 हजार की राशि दी। जिसके बाद ग्रामीणों ने भी इसे मिशन के रूप में लेते हुए समुदायिक सहभागिता से मात्र एक सप्ताह में सात लाख 80 हजार की राशि एकत्रित कर उस जगह को खरीद कर विद्यालय को सौंपा। जिसके बाद विद्यालय में जगह मिलने के बाद वहां पर कक्षा कक्ष आदि का निर्माण कार्य करवाने में भी सुविधा रहेगी। विद्यालय प्रशासन ने ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया।
स्वतंत्रता दिवस पर ग्रामीणों का सामूहिक रूप से किया सम्मान, ग्रामीणों के अनुकरणीय कार्य के लिए की सराहना
विद्यालय प्रशासन की सकारात्मक सोच से की गई पहल के बाद ग्रामीणों की सामुदायिक भावना से दिए गए दान राशि से विद्यालय को भूमि खरीद करने में उनका उठाया गया कदम आने वाली पीढ़ी को गौरवान्वित करेगा। इस सामुदायिक भावना से किए गए कार्य के लिए विद्यालय प्रशासन द्वारा स्वतन्त्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों को सामूहिक रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर यथास्थान पदस्थापित प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार ने कहा कि ग्रामवासियों के इस अनुकरणीय कार्य के लिए भामाशाह सम्मान प्रशस्ति पत्र देते हुए विद्यालय परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उनका शिक्षा मंदिर के लिए किया गया दान ही नहीं बल्कि एक भावी पीढ़ी के लिए इनवेस्टमेंट है। जो उनकी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करेगा।
1 Comments
Very good
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