मानस अभियान: पीएचसी ललाना दीखनादा एवं दीनगढ़ में आयोजित चिकित्सा शिविर:
11 मरीजों ने नशा छोड़ने का लिया प्रण, उपचार शुरु:
कैम्प में पहुंचे 89 मरीजों की हुई स्वास्थ्य जांच
हनुमानगढ़। जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में सोमवार 24 फरवरी को खण्ड संगरिया की पीएचसी दीनगढ़ एवं खण्ड नोहर की पीएचसी ललाना दीखनादा में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविर आयोजित किए गए। शिविर में 11 नए मरीजों ने मनोचिकित्सक से काउंसलिंग के बाद नशा छोडऩे का प्रण लिया। दोनों चिकित्सा शिविरों में आए 89 मरीजों की काउंसलिंग की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविरों में आयोजन किया जा रहा है। शिविर में नशों का सेवन करने वाले रोगियों से मनोचिकित्सकों द्वारा काउंसलिंग कर उपचार किया जा रहा है। मानस अभियान के तहत अनेक मरीजों ने नशों का सेवन करना छोड़ दिया है। शिविर में ठीक होने के बाद मरीज नियमित रूप से शिविर में आ रहे हैं एवं मनोचिकित्सकों से काउंसलिंग से उपचार ले रहे हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि सोमवार को पीएचसी दीनगढ़ एवं पीएचसी ललाना दीखदाना में नशा मुक्ति शिविर आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि पीएचसी दीनगढ़ में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. ओपी सोलंकी एवं पीएचसी इंचार्ज डॉ. साहिल सहारण, वार्ड अस्सिस्टेंट श्रीमती मीनाक्षी ने मरीजों की जांच की। डॉ. ओपी सोलंकी ने कैम्प के दौरान आने वाले सभी मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य कैम्प के बारे में अवगत कराया एवं मानसिक रोगों की जानकारी दी। कैम्प में विभिन प्रकार के नशा व मानसिक रोगों से संबंधित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई। कैम्प मे 32 नशे के रोगियों का उपचार किया गया जिसमें से 6 रोगियों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग की गई एवं आवश्यक दवा देकर नशा छोडऩे के लिए प्रोत्साहित भी किया गया। कैम्प के दौरान रेगुलर फॉलोअप से दवा ले रहे 3 मरीज ने पूर्ण रूप से नशा छोड़ दिया। शिविर में आए 64 मरीजों का उपचार किया एवं मरीजों को दवा वितरण किया। डॉ. शर्मा ने बताया कि पीएचसी ललाना दीखनादा में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. मनोज डूडी ने मरीजों की जांच की। शिविर में 25 मरीज उपचार के पहुंचे, जिनमें से 17 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 5 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 2 मरीज पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। पीएचसी ललाना दीखनादा के अंतर्गत आयोजित शिविरों में अब तक एक मरीज पूर्ण रूप नशा छोड़ चुका है। शिविर में उपचार के लिए आए मरीजों एवं उनके परिजनों को नशों के दुष्प्रभाव से परिवार एवं समाज पर होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। अंत में सभी मरीजों एवं उनके परिजनों को नशा ना करने की शपथ दिलाई।
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