हनुमानगढ़ में तीन दिवसीय किसान मेले की तैयारियाँ तेज
जिला कलेक्टर का किसानों से संवाद, कलेक्टर ने की समीक्षा बैठक
हनुमानगढ़। जिले में प्रस्तावित तीन दिवसीय किसान मेले के आयोजन की तैयारियों को लेकर शनिवार को जिला कलेक्टर के कानाराम की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, जैविक खेती एवं नवाचारी खेती से जुड़े अधिकारियों एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। इस दौरान जिला कलेक्टर ने किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं एवं आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा की। 35 चयनित प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव साझा किए। किसानों ने बताया कि जैविक खेती, पशुपालन, एवं आधुनिक कृषि तकनीकों में कई चुनौतियाँ हैं, जिनके समाधान की आवश्यकता है।
मार्च 2025 में किसान मेला – दिखेगी आधुनिक तकनीकों की झलक
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि मार्च 2025 के द्वितीय या तृतीय सप्ताह में तीन दिवसीय किसान मेला आयोजित किया जाएगा। यह मेला श्री खुशालदास कृषि विश्वविद्यालय, हनुमानगढ़ में होगा। कृषि एवं कृषि से जुड़े विभागों, निजी कंपनियों, एफपीओ, एनजीओ एवं प्रगतिशील किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मेले में प्रदर्शनियों, लाइव डेमोंस्ट्रेशन एवं तकनीकी सत्रों के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी दी जाएगी।जिला कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें और नवाचारी कृषि को बढ़ावा दें। किसानों को आधुनिक तकनीकों, जैविक खेती, उद्यानिकी और पशुपालन से अधिक लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया जाए।संवाद कार्यक्रम में किसानों से लो टनल तकनीक, ऑनलाइन बाजार और कृषि मेलों में भागीदारी को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया गया। साथ ही, नवीन तकनीकों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से कृषि को अधिक लाभप्रद बनाने पर जोर दिया गया।बैठक में खजूर उत्पादक किसानों ने अपने अनुभव साझा किए। चक 23 एमओडी के श्री श्रवण कुमार एवं फोगला के श्री कृष्णलाल ने खजूर उत्पादन में आ रही दिक्कतों का जिक्र करते हुए सरकार से खजूर सुखाने के लिए ड्रायर एवं गुणवत्तापूर्ण पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का सुझाव दिया।
पशुपालन में नवाचार–सूअर पालन व बकरी पालन को बढ़ावा
जिले में कई किसान सूअर पालन एवं बकरी पालन की ओर बढ़ रहे हैं। चान्देडी छोटी के श्री शिवभगवान एवं चक 22 एसएसडब्ल्यू के श्री परमप्रीत सिंह ने पशु-आहार, बीमारियों एवं विपणन से जुड़ी दिक्कतों पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञों के अनुसार, वैज्ञानिक तरीके अपनाकर इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
जैविक खेती को प्रमाणीकरण की जरूरत
जैविक खेती करने वाले किसानों, चक 11 एचएमएच के यसवंत सिंह एवं चक 2 पीबीएन, पीलीबंगा के नरेश कुमार ने बताया कि शुरुआती तीन वर्षों में उत्पादन कम रहता है, लेकिन बाद में जैविक उर्वरकों और कीटनाशकों के सही उपयोग से सामान्य उत्पादन शुरू हो जाता है। उन्होंने सरकारी प्रमाणीकरण की कमी को सबसे बड़ी समस्या बताया, जिससे उचित मूल्य नहीं मिल पाता। इस पर जिला कलेक्टर ने कृषि अधिकारियों को प्रमाणीकरण प्रक्रिया को सुचारू बनाने के निर्देश दिए।
कृषक भ्रमण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
कृषि उपनिदेशक श्री सुभाष चंद्र डूडी ने बताया कि जिले के किसानों को आधुनिक तकनीकों से परिचित कराने के लिए अंतरराज्यीय कृषक भ्रमण का 21 से 27 फरवरी, 2025 तक आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत किसान हिसार, दिल्ली, सोलन, लुधियाना, करनाल, कुरुक्षेत्र आदि कृषि विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान केंद्रों का भ्रमण करेंगे। इसके अलावा, आलू उत्पादक किसानों के लिए 24 फरवरी से 2 मार्च 2025 तक केन्द्रीय आलू अनुसंधान केंद्र, मोदीपुरम (मेरठ, यूपी) तथा दूध उत्पादक किसानों के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तावित है।जिला कलेक्टर ने बताया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन कृषि को उन्नत बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। किसान मेला और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से किसानों को नवीनतम तकनीकों एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलेगी, जिससे वे अपनी उत्पादकता और आय बढ़ा सकें। बैठक में कृषि संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार, उद्यानिकी से उपनिदेशक डॉ. रमेश चंद्र बराला, डेयरी मुख्य प्रबंधक श्री उग्रसेन सहारण, एसकेडी वाइस चांसलर डॉ. आरए मीना सहित कृषि विभाग के अधिकारी और प्रगतिशील किसान मौजूद रहें।
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