"म्हारी घूमर छै नखराली" से गुलजार हुआ सेंट्रल पार्क
"मुश्किल आन पड़े तो घबराने से क्या होगा, रास्ता निकाल, मर जाने से क्या होगा" - नदीम शाद
सजी कवियों और लोक कलाकारों की सांस्कृतिक संध्या
राजस्थान दिवस पर जिला स्तरीय कवि सम्मेलन एवं सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम
हनुमानगढ़। राजस्थान की मनमोहक भाषा में लोक कलाकारों ने जब सुर छेड़े तो रविवार को सेंट्रल पार्क में जमा सभी दर्शक झूम उठे। दरअसल राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को टाऊन के सेंट्रल पार्क में कवि सम्मेलन एवं सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के लोकप्रिय चरी, भवाई, कच्छी घोड़ी, कालबेलिया नृत्य ने सब का मन मोह लिया। कवि सम्मेलन में श्री नदीम साद एवं चिराग शर्मा ने सभी को अपनी और आकर्षित किया। श्री रूपसिंह राजपुरी ने अपने निराले अंदाज में राजस्थानी में सभी को हंसाया। डॉ प्रेम भटनेरी एवं श्री राजेश चड्ढा ने भी गजल सुनाई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में किशनगढ़ से श्री अंजना कुमावत की पार्टी ने सर पर अग्नि निकल रहे मटकों के साथ नृत्य किया। श्री गफूर खान एवं समूह ने कालबेलिया, भवाई नृत्य एवं सुश्री रुखसाना ने "घूमर छे नखराली" के माध्यम से शमा बांध दिया।कार्यक्रम में जिला कलेक्टर काना राम, एसपी अरशद अली, एडीएम उम्मेदी लाल मीना, जनप्रतिनिधि प्रमोद डेलू, कैलाश मेघवाल, विकास गुप्ता, देवेंद्र पारीक, नगर परिषद आयुक्त सुरेंद्र यादव, पर्यटन अधिकारी पवन शर्मा, एपीआरओ राजपाल, सीडीईओ पन्नालाल कड़ेला, आईसीडीएस डीडी प्रवेश सोलंकी मौजूद रहें।