हनुमानगढ़ जिले में नागरिक सुरक्षा को मिलेगी नई ताकत, 500 स्वयंसेवकों का होगा चयन
हनुमानगढ़ जिले में नागरिक सुरक्षा को मिलेगी नई ताकत, 500 स्वयंसेवकों का होगा चयन
अग्निशमन, आपदा प्रबंधन, एनसीसी, स्काउटिंग, गोताखोरी, तैराकी, नर्सिंग या भारी वाहन लाइसेंस जैसे क्षेत्र में विशेष योग्यता रखने वाले नागरिक को मिलेगी प्राथमिकता
हनुमानगढ़। जिले में नागरिक सुरक्षा के मोर्चे पर एक बड़ी पहल की जा रही है। जिला प्रशासन ने नागरिक सुरक्षा विभाग में 500 नये स्वयंसेवकों की भर्ती की घोषणा की है। यह कदम नागरिकों को आपदा प्रबंधन व आपातकालीन स्थितियों में अधिक प्रभावी सेवा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। यह प्रक्रिया निदेशालय नागरिक सुरक्षा, राजस्थान के निर्देशानुसार की जा रही है, जिसके तहत 23 मई 2025 को जारी आदेश की अनुपालना करते हुए चयन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम तय किया गया है। जिला कलेक्टर श्री काना राम ने स्पष्ट किया है कि यह नामांकन असैन्य नागरिकों के लिए है, जिसमें सेना, अर्द्धसैन्य बल, पुलिस, अग्निशमन व होम गार्ड के स्थायी कर्मियों को शामिल नहीं किया जाएगा। इच्छुक नागरिक 30 मई 2025 से 9 जून 2025 तक सांय 5 बजे तक आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन पत्र नागरिक सुरक्षा की आधिकारिक वेबसाइट dmrelief.rajasthan.gov.in से डाउनलोड किए जा सकते हैं, जिन्हें जिला या उपखंड कार्यालय में जमा करवाना होगा।
जिन नागरिकों के पास अग्निशमन, आपदा प्रबंधन, एनसीसी, स्काउटिंग, गोताखोरी, तैराकी, नर्सिंग या भारी वाहन लाइसेंस जैसे क्षेत्र में विशेष योग्यता है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा केवल शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ, 18 वर्ष से ऊपर के नागरिक, जिनका पुलिस सत्यापन व चिकित्सा प्रमाण पत्र हो, वे ही आवेदन करने के पात्र होंगे। चयनित स्वयंसेवकों को 10 दिवसीय अवैतनिक बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें उन्हें आपदा प्रतिक्रिया, नागरिक सुरक्षा, प्राथमिक उपचार व बचाव के आधुनिक तरीके सिखाए जाएंगे। जिला कलक्टर काना राम ने कहा कि यह अभियान न केवल आपदा प्रबंधन में जिले की तैयारियों को मज़बूत करेगा, बल्कि सेवाभावी नागरिकों को समाज के लिए योगदान देने का अवसर भी देगा। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और निर्धारित तिथि के बाद किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। कलक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में अंतिम निर्णय चयन समिति का होगा। यह पहल हनुमानगढ़ को आपदा प्रबंधन में एक सशक्त जिला बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
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