तेज आंधी, बारिश और ओलों से जनजीवन प्रभावित
प्रशासन और विभागों ने दिखाई सक्रियता, जनजीवन हुआ सामान्य
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हनुमानगढ़। शनिवार शाम को जिलेभर में मौसम ने अचानक बदले मिजाज से गर्मी से तो राहत व मौसम खुशनुमा हुआ लेकिन जनजीवन प्रभावित हुआ। करीब 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं, जिनके साथ बारिश और छोटे आकार के ओले भी गिरे। जिले के अधिकांश हिस्सों में अंधड़ के चलते कुछ समय के लिए सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया। कई स्थानों पर दीवारें गिरने की घटनाएं हुईं, जिससे कुछ पशुओं — जैसे गाय, भेड़-बकरियों — की मृत्यु की सूचना मिली। हालांकि गनीमत यह रही कि किसी भी तरह की मानवीय क्षति की सूचना नहीं है। मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था। सौभाग्य से अभी खरीफ फसलों की बुआई का समय नहीं आया है, इसलिए फसलों का नुकसान अधिक नहीं रहा।
फील्ड में जुटी रहीं व्यवस्थाएं बहाल करने वाली टीमें
जब आम लोग रात करीब 11 बजे के बाद ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे, तब बिजली, प्रशासन, पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी और सड़क एजेंसियों की फील्ड टीमें चौकन्नी होकर काम में जुटी थीं। कहीं पेड़ गिरे थे तो कहीं बिजली के पोल। अनुमान के मुताबिक 300 से ज्यादा बिजली के पोल टूटे और 20 पोल 33 केवी लाइन सहित कई जीएसएस क्षतिग्रस्त हो गए। बिजली विभाग की टीमों ने रातभर मरम्मत कार्य जारी रखा और अधिकतर क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति फिर से बहाल कर दी गई है।
प्रशासन की सतर्कता ने रोकी दुर्घटनाएं, सड़कों से हटाए गए पेड़ और मलबा
जिले के प्रमुख सड़क मार्गों पर पेड़ों के गिरने से यातायात प्रभावित हुआ, लेकिन प्रशासन के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी, नगर परिषद, नगरपालिका और रीडकोर की टीमें तुरंत हरकत में आईं। जेसीबी और अन्य उपकरणों की मदद से रास्ते साफ किए गए और आवागमन को सुरक्षित बनाया गया।
प्रशासन की तत्परता बनी चर्चा का विषय
अचानक आए इस प्राकृतिक संकट में भी जिस तरह से प्रशासन और विभागीय मशीनरी ने समन्वय से काम किया, वह काबिले तारीफ है। जनता को सुरक्षित रखने के साथ-साथ पेयजल, बिजली और यातायात जैसी मूलभूत सेवाओं को रातोंरात बहाल कर दिया गया, जिससे आम जन ने राहत की सांस ली।
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