ऑपरेशन शील्ड का अभ्यास शनिवार को, फिर एक साथ बजेंगे जिले के सभी सायरन
ब्लैकआउट अभ्यास के दौरान सायरन सुनते ही बंद करें घरों की लाइटें
हनुमानगढ़। जिले में आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखने के उद्देश्य से शनिवार को सांय 5 बजे "ऑपरेशन शील्ड" नामक द्वितीय सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना, सिविल डिफेंस विभाग, पुलिस, चिकित्सा, फायर ब्रिगेड सहित कई विभाग सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव श्री सुधांशु पंत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस अभियान के निर्देश दिए, जबकि जिला कलेक्टर श्री काना राम ने जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की। जिला कलेक्टर काना राम ने बताया कि जिले के सभी सायरन एक साथ बजेंगे और मॉकड्रिल जिले के अलग-अलग दो-तीन स्थानों पर आयोजित की जाएगी, जहां विभागों की प्रतिक्रिया और प्रभावशीलता देखी जाएगी। पिछली मॉकड्रिल की कमियों को दूर करते हुए इस बार का अभ्यास अधिक सटीक व प्रभावी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। आमजन घबराए नहीं और प्रशासन का सहयोग करें। चिन्हित क्षेत्रों में आपात सेवाओं को छोड़कर 15 मिनट का पूर्ण ब्लैकआउट भी किया जाएगा। ब्लैकआउट अभ्यास के दौरान सायरन सुनते ही घरों की लाइटें बंद कर दे। अभ्यास के तहत सिविल डिफेंस, स्वयंसेवक, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, स्काउट्स व गाइड्स के युवा स्वंयसेवकों की भागीदारी होगी। दुश्मन के संभावित हवाई हमलों जैसे ड्रोन, मिसाइल और विमान के हमलों पर प्रतिक्रिया दी जाएगी। साथ ही, वायुसेना और जिला नियंत्रण कक्षों के बीच हॉटलाइन व्यवस्था और एयर रेड सायरनों की प्रणाली की प्रभावशीलता का परीक्षण किया जाएगा। प्रशिक्षण में वास्तविक आपदा जैसी स्थिति का अनुकरण करते हुए, सैन्य क्षेत्र में दुश्मन ड्रोन हमले की स्थिति, घायलों की निकासी, मेडिकल टीमों की तैनाती, और रक्त की व्यवस्था का अभ्यास किया जाएगा। 20 घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने, 30 यूनिट रक्त संग्रह और सीमावर्ती क्षेत्रों में गृह रक्षकों की सेना के साथ त्वरित तैनाती की भी योजना है। पिछली मॉक ड्रिल में सामने आई खामियों को दूर करते हुए इस बार विभागों के रिस्पॉन्स टाइम को बेहतर बनाने पर जोर रहेगा। पुलिस अधीक्षक हरि शंकर ने नागरिकों से अपील की कि वे इस अभ्यास के दौरान घबराएं नहीं, यह केवल एक पूर्वाभ्यास है। सायरन सुनकर किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें, भीड़ ना जुटाए और सहयोग करें। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक मोबाइल एप भी विकसित किया गया है, जो अधिकारियों को सायरन का लाइव अलर्ट देगा। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सभी विभागों के बीच समन्वय, बचाव उपकरणों की उपलब्धता, ब्लैकआउट की सफलता, और आपातकालीन तैयारियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना है।