हनुमानगढ़ जिले में दो स्थानों पर ऑपरेशन शील्ड के तहत आपदा प्रबंधन का किया पूर्वाभ्यास
सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी, 20 घायलों को सुरक्षित रेस्क्यू कर पहुंचाया अस्पताल, आमजन को किया गया जागरूक
हनुमानगढ़। जिला प्रशासन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के तत्वावधान में शनिवार को जिले में द्वितीय सिविल डिफेंस मॉकड्रिल “ऑपरेशन शील्ड” का आयोजन किया गया। यह अभ्यास हनुमानगढ़ टाउन के बस स्टैंड और टिब्बी के मसीतावाली हेड पर एक साथ सांय 5 बजे शुरू हुआ। इसका उद्देश्य आपदा की स्थिति में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, तत्परता और प्रतिक्रिया समय का परीक्षण करना था।टाउन बस स्टैंड पर विस्फोटक सामग्री और संभावित एयर स्ट्राइक की सूचना मिलते ही आपात सायरन बजा। तत्काल फायर ब्रिगेड, पुलिस, चिकित्सा विभाग, होमगार्ड, सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत आग पर नियंत्रण पाया गया और 20 घायल व्यक्तियों को प्राथमिक चिकित्सा देकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस द्वारा क्षेत्र को घेरकर आमजन को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया, वहीं रोडवेज ने यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाए की। सभी विभागों ने अनुशासन और समन्वय के साथ भूमिका निभाई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासन आपात स्थितियों से निपटने के लिए सजग और सक्षम है।
जिला कलेक्टर एवं एसपी ने किया निरीक्षण, व्यवस्थाए संतोषजनक रही
जिला कलेक्टर काना राम एवं पुलिस अधीक्षक हरि शंकर भी टाऊन बस स्टैंड पर सायरन बजते ही 15 मिनट के अंदर पहुंचे और मॉकड्रिल की स्थिति का जायजा लिया। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बाद जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने बर्न यूनिट, ट्रॉमा सेंटर, पंजीकरण कक्ष, औषधि वितरण केंद्र और आपातकालीन कक्ष की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। जिला कलेक्टर ने बताया कि मॉकड्रिल का उद्देश्य आपदा की स्थिति में विभागों की तैयारियों और प्रतिक्रिया समय की जांच करना था, जिसमें सभी विभागों ने अनुशासित और संगठित कार्यशैली का प्रदर्शन किया। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है, आमजन प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
टिब्बी के मसीतावाली हेड पर डूबते लोगों का रेस्क्यू अभ्यास
शनिवार सांय 5 बजे ही टिब्बी क्षेत्र के मसीतावाली हेड पर धमाके और व्यक्तियों के डूबने की सूचना पर दूसरी मॉकड्रिल की गई। सूचना मिलते ही पुलिस, चिकित्सा, होमगार्ड, सिविल डिफेंस और रेस्क्यू टीमें घटनास्थल पर पहुंची। घायलों को सुरक्षित निकालकर प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल भेजा गया। मौके पर एसडीएम श्री सत्यनारायण सुथार, एडिशनल एसपी श्रीमती नीलम चौधरी, सीओ श्री करण सिंह, सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा, तहसीलदार श्री हरीश टाक मौजूद रहें।
जिलेभर में बजे सायरन, हमलों की स्थिति का किया गया अनुकरण
इस मॉकड्रिल में वायुसेना के संभावित हमलों—जैसे ड्रोन, मिसाइल और हवाई हमले—की स्थिति का अनुकरण किया गया। वायुसेना और जिला नियंत्रण कक्ष के बीच हॉटलाइन की कार्यप्रणाली और एयर रेड सायरनों की प्रभावशीलता का परीक्षण किया गया। ब्लैकआउट और संचार व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की गई। स्वयंसेवी संगठनों जैसे एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, स्काउट्स और गाइड्स के युवाओं ने भी मॉकड्रिल में सक्रिय भागीदारी निभाई। इस अभ्यास में 20 घायलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 30 यूनिट रक्त एकत्र का पूर्वाभ्यास भी किया गया। इस अवसर पर एडीएम उम्मेदी लाल मीना, एएसपी जनेश तंवर, एसडीएम मांगीलाल सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे। मॉकड्रिल से पूर्व कलेक्टर एवं एसपी ने जिला नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण किया।
हनुमानगढ़ जिले के 4 स्थानों पर किया गया ब्लैकआउट अभ्यास
शनिवार रात पौने 9 बजे हनुमानगढ़ जिले के टाऊन क्षेत्र, संगरिया कस्बा, फेफाना ग्राम पंचायत और गोलूवाला में ब्लैकआऊट किया गया। एयर स्ट्राइक की रेड अलर्ट चेतावनी के बाद सायरन बजे, आमजन ने सभी घरों, संस्थानों और वाहनों की लाइटों को बंद रखकर प्रशासन का सहयोग किया। सामान्य स्थिति के लिए 15 मिनट के अंतराल के पश्चात सायरन बजा। पूर्ण ब्लैकआउट के दौरान क्षेत्रों में अंधेरा छाया रहा।