मानस अभियान : कैम्प में पहुंचे 53 मरीजों की हुई स्वास्थ्य जांच
सीएचसी फेफाना एवं सीएचसी गोलूवाला में नशा मुक्ति चिकित्सा शिविर का आयोजन
चिकित्सा शिविर में 8 नए मरीजों ने उपचार लेना किया शुरु
हनुमानगढ़। जिला कलक्टर के निर्देशन में सोमवार 9 जून सीएचसी फेफाना एवं ब्लॉक पीलीबंगा की सीएचसी गोलूवाला में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 8 नए मरीजों ने मनोचिकित्सक से काउंसलिंग के बाद नशा छोडऩे का प्रण लिया। नशा मुक्ति चिकित्सा शिविरों में आए 53 मरीजों की काउंसलिंग की। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिला कलक्टर श्री कानाराम के निर्देशन में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि सोमवार 9 जून को सीएचसी फेफाना एवं सीएचसी गोलूवाला में नशा मुक्ति शिविर आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि सीएचसी फेफाना में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. मनोज डूडी एवं सीएचसी इंचार्ज डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने मरीजों की जांच की। शिविर में 28 मरीज उपचार के लिए पहुंचे, जिनमें से 18 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 5 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार शुरु किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 3 मरीज भी पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। सीएचसी फेफाना में आयोजित शिविरों में नजदीकी क्षेत्रों के 4 मरीजों ने नशा करना छोड़ दिया है। शिविर में 5 मरीज चिट्टा एवं मेडिकेटिड नशों का सेवन करते थे, जिनकी भी काउंसलिंग की गई। डॉ. शर्मा ने बताया कि इसी तरह, सीएचसी गोलूवाला में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. लखनराज मीणा एवं सीएचसी इंचार्ज डॉ. चिराग मोदी ने मरीजों की जांच की। शिविर में 25 मरीज उपचार के लिए पहुंचे, सभी 25 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 3 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार शुरु किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 3 मरीज भी पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। सीएचसी गोलूवाला में आयोजित शिविरों में नजदीकी क्षेत्रों के 1 मरीज ने नशा करना छोड़ दिया है। शिविर में 19 मरीज चिट्टा एवं मेडिकेटिड नशों का सेवन करते थे, जिनकी भी काउंसलिंग की गई। शिविर में उपचार के लिए आए मरीजों एवं उनके परिजनों को नशों के दुष्प्रभाव से परिवार एवं समाज पर होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। अंत में सभी मरीजों एवं उनके परिजनों को नशा ना करने की शपथ दिलाई।