राजीविका से 1.17 लाख महिलाएं बनी आत्मनिर्भर

राजीविका रैंकिंग में फिर हनुमानगढ़ राज्य में रहा प्रथम 

71 अंकों के साथ प्रदेश में पहला स्थान, 1.17 लाख महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर


हनुमानगढ़। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के तहत हनुमानगढ़ जिले ने एक बार फिर राज्य में पहला स्थान हासिल किया है। राज्य स्तर पर जारी रैंकिंग में जिले को 100 में से 71 अंक प्राप्त हुए हैं। कोटा और दौसा को क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान मिला है। विभिन्न वर्टिकल्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए हनुमानगढ़ में अब तक 8 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित किए जा चुके हैं, जिनसे 1,17,773 महिलाए जुड़ी हुई हैं। इनमें से 19,900 महिलाएं "लखपति दीदी" बन चुकी हैं। समूहों को वर्ष 2025- 26 में जून माह तक 1016.59 लाख रुपए का बैंक लोन भी उपलब्ध करवाया गया है। महिलाएं अब घर के साथ व्यवसायिक जिम्मेदारिया भी निभा रही हैं।

राजीविका के इंस्टीट्यूशन बिल्डिंग वर्टिकल में महिलाओं को संगठित कर उन्हें सामूहिक निर्णय और आजीविका सुधार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। फाइनेंशियल इंक्लूजन और डिजिटल फाइनेंस के तहत उन्हें बैंकों से जोड़ा गया है और डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण दिया गया है। कैपेसिटी बिल्डिंग के माध्यम से उन्हें विभिन्न तकनीकी व व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किए गए हैं। लाइवलीहुड वर्टिकल के तहत कृषि, पशुपालन, कुटीर और हस्तशिल्प उद्योगों में महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। इसका लाभ भी स्पष्ट रूप से सामने आया है। महिलाएं ब्यूटी पार्लर, किराना दुकान, आचार निर्माण, सिलाई, बुटीक और रसोई केंद्र जैसी गतिविधियों से जुड़कर हर माह हजारों की आय कर रही हैं।

जिले की कुछ प्रेरक कहानियां इस बदलाव की साक्षी हैं। नोहर की संजू देवी ने समूह से जुड़कर परचून से शुरुआत की और अब अन्नपूर्णा रसोई संचालित कर 15 हजार रु. महीना कमा रही हैं। संगरिया की तारावंती ब्यूटी पार्लर और चप्पल मशीन से 25 हजार रु. महीना कमा रही हैं। भादरा की सुनीता देवी ने कपड़े की दुकान से परिवार की आर्थिक स्थिति बदल दी और अन्य महिलाओं को भी जोड़ा। राजीविका जिला परियोजना प्रबंधक श्री वैभव अरोड़ा ने बताया कि हनुमानगढ़ जिले ने दो सालों में 17वें स्थान से उठकर लगातार पहला स्थान प्राप्त किया है। यह सामूहिक प्रयास, स्वयं सहायता समूहों की मेहनत और जिला प्रशासन के मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आगे भी इसी समर्पण के साथ महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया जाएगा।

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