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जन रो हक, जन रे द्वार शिविर के सफलता की कहानी

15 साल पुराना बंटवारा विवाद खत्म, साबुआना शिविर में तीन भाइयों को मिली राहत

चार चकों के संयुक्त खाते का आपसी सहमति से हुआ विभाजन


हनुमानगढ़/टिब्बी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के तहत गुरुवार को ग्राम साबुआना में आयोजित “जन रो हक, जन रे द्वार” प्रशासनिक शिविर में 15 वर्षों से लंबित भूमि विवाद का शांतिपूर्ण समाधान किया गया। तीन भाइयों के चार राजस्व चकों में संयुक्त खाता आपसी सहमति से विभाजित कर दिया गया, जिससे परिवार में लंबे समय से चल रही अशांति को विराम मिला। शीशपाल सिंह, सुखमहेंद्र सिंह व सरजीत सिंह कुम्हार सिख की लगभग 30 बीघा कृषि भूमि चक 1 व 3 केएचआर और 2 व 3 एसबीएन में फैली हुई थी। वर्षों से रास्ते, खाले व उपयोग को लेकर भाईयों के बीच विवाद चल रहा था, जिससे खाता विभाजन नहीं हो पा रहा था। लेकिन गुरुवार को तहसीलदार श्री हरीश कुमार टाक के निर्देशन में राजस्व टीम ने शिविर स्थल पर ही तीनों भाइयों में सहमति बनवाकर खाता विभाजन की प्रक्रिया पूर्ण की। खाते के बंटवारे के बाद तीनों भाइयों ने सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्व टीम की समझाइश और तत्परता से हमारा वर्षों पुराना विवाद समाप्त हो गया। अब हम स्वतंत्र रूप से अपनी ज़मीन का उपयोग कर सकेंगे।” उन्होंने शिविर को “घर में खुशियां लौटाने वाली पहल” बताया।



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