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अंतोदय शिविर के सफलता की कहानी


अनाथ बच्चों के लालन-पोषण में ‘पालनहार योजना’ बनी सहारा

अंत्योदय शिविर में आठ अनाथ बच्चों को योजना में जुड़वाकर राहत प्रदान



हनुमानगढ़/टिब्बी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के तहत मंगलवार को ग्राम पंचायत सुरेवाला व डबली कलां में आयोजित जनकल्याण शिविर ने अनाथ बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनकर काम किया। शिविर के दौरान तीन एकल महिला पेंशनर और एक तलाकशुदा महिला के कुल आठ अनाथ बच्चों को पालनहार योजना में शामिल कर उनका पालन-पोषण सुनिश्चित किया गया। सुरेवाला में दो एकल महिला पेंशनर—सोमा बाई पत्नी राजू और सुमन पत्नी कुलविंद्र सिंह—के साथ ही तलाकशुदा सुमन लता के बच्चों को योजना में नामांकित किया गया। सोमा बाई की बेटियाँ लक्ष्मीबाई, खुशी व पूजा तथा सुमन के पुत्र शिवजोत व हरमन को लाभ मिला। तलाकशुदा सुमन लता की बेटी मन्नत कौर को भी योजना का लाभ दिया गया। डबली कलां की एकल महिला पेंशनर शकुंतला की बेटियाँ ज्योति व आइना भी इस सुविधा से जुड़ गईं।सोमा बाई ने बताया कि छह माह पूर्व पति के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारियाँ अकेले निभाना मुश्किल था। “अब पालनहार योजना से मेरे तीनों बच्चों को समय पर पोषण और शिक्षा का आश्वासन मिला है"। अन्य अभिभावकों ने भी प्रशासन एवं सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के शिविर ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।इस अवसर पर एसडीएम श्री सत्यनारायण सुथार, तहसीलदार श्री हरीश टाक, शिविर प्रभारी श्री बेअंत सिंह, ग्राम प्रशासक श्री सुरज राम पंवार एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि शासन-नियंत्रित योजनाएँ समय-समय पर इसी तरह के शिविरों के माध्यम से सीधे लाभार्थियों तक पहुंचती रहेंगी।



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