जिला कलेक्टर ने जिला स्तरीय जनसुनवाई में सुनें आमजन के परिवाद: अतिक्रमण, रास्ते खोलने से संबंधित आए परिवाद
बजट घोषणाएं हो अधिकारियों की पहली प्राथमिकता, तुरंत शुरू करें कार्य- जिला कलेक्टर
हनुमानगढ़। आमजन की समस्याओं का गुणवत्तापूर्वक एवं समयबद्ध निस्तारण के लिए राज्य सरकार संवेदनशील है। आमजन की समस्याओं बीके निस्तारण के लिए चलाए जा रही त्रिस्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलेक्टर काना राम ने जिला स्तर पर जनसुनवाई की। जनसुनवाई में अधिकतर परिवाद राजस्व विभाग से संबंधित आए। अतिक्रमण, रास्ता खुलवाने, अवैध सिंचाई पानी के नाकों को बंद करवाने, पीएम आवास योजना का लाभ दिलवाने, पेचवर्क में निम्न श्रेणी की सामग्री के इस्तेमाल, खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने, पट्टा दिलवाने सहित विभिन्न विभागों के 26 से अधिक परिवाद आए। जिला कलेक्टर ने कृषि भूमि के लिए रास्ता खुलवाने के मामलों को गंभीरता से सुना तथा संबंधित एसडीएम को प्राथमिकता से रास्तों के परिवादों के निस्तारण के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने सड़क बनाने में निम्न स्तर की सामग्री इस्तेमाल के परिवाद पर पीडब्ल्यूडी को सड़क का निरीक्षण कर यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर जिला कलेक्टर ने कहा कि विधानसभा के चलते सतर्कता समिति की बैठक आयोजित नहीं की जा रही है। राजस्थान का बजट जारी किया गया है, सभी अधिकारी बजट घोषणाओं को अच्छे से पढ़ लें। विशेष घोषणाओं पर कार्रवाई तुरंत शुरू करें। भूमि की आवश्यकता वाली घोषणाओं के लिए भूमियों का चिह्निकरण करते हुए, समयबद्ध आवंटन सुनिश्चित करें। जिन घोषणाओं में डीपीआर एवं निर्माण कार्य होना है, उनका अधिकारी निरीक्षण कर लें, तथा समयसीमा में प्रस्ताव तैयार कर भेजें। बजट घोषणाएं मुख्य प्राथमिकताओं में रहे। परिवाद निस्तारण को लेकर जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में सभी विभाग परिवादियों के निस्तारण रिकॉर्ड 15 दिन की समय सीमा में कर रहे है। निस्तारण समयबद्ध हो परंतु गुणवत्ता से समझौता नहीं हो। अक्टूबर से जनवरी में संतुष्टि प्रतिशत में 8 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। परंतु अभी भी संतुष्टि लेवल कम है, इसे बढ़ाने पर ध्यान दें। परिवाद निस्तारण के समय परिवादी को साथ रखें। जिला स्तरीय जनसुनवाई में एडीएम उम्मेदी लाल मीना, सीईओ ओपी बिश्नोई सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहें। ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।