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उपकर संग्रहण की समीक्षा बैठक

उपकर संग्रहण की समीक्षा बैठक आयोजित, बकायादारों पर होगी सख्त कार्रवाई



हनुमानगढ़। जिला कलेक्टर काना राम की अध्यक्षता में उपकर संग्रहण की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उप श्रमायुक्त (प्रशासन) संदीप कुमार एवं जिला श्रम कल्याण अधिकारी  देवेंद्र मोदी मौजूद रहे। बैठक में जिला श्रम कल्याण अधिकारी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 22 करोड़ रुपए के लक्ष्य के विरुद्ध जिले में अब तक 10.4 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस अवधि में जिले में 400 निर्माणों का सर्वे कर उपकर नोटिस जारी किए गए, साथ ही 145 उपकर निर्धारण आदेश भी जारी किए गए हैं। पूर्व से लंबित 3,226 फाइलों को श्रम मुख्यालय के निर्देशानुसार एकतरफा निर्धारण कर निस्तारित किया जा रहा है। इसके अलावा, 50 से अधिक ऐसे मामलों में, जहां उपकर निर्धारण आदेश जारी होने के बावजूद भुगतान नहीं हुआ है, उन्हें शत-प्रतिशत पेनल्टी राशि सहित राजस्व शाखा में भेजा जाएगा एवं आवश्यकता पड़ने पर कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी।

उपकर भुगतान में देरी से बढ़ता है ब्याज भार

जिला श्रम कल्याण अधिकारी ने बताया कि जनसामान्य में भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल उपकर को लेकर जागरूकता की कमी के कारण कई निर्माणकर्ता समय पर भुगतान नहीं कर पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, निर्माणकर्ताओं को 2 प्रतिशत मासिक ब्याज का अतिरिक्त भार उठाना पड़ता है, जिससे उपकर वसूली में कठिनाई आती है। जिला कलेक्टर ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि  भवन एवं अन्य संनिर्माण उपकर के संबंध में नियमित प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। ताकि अधिक से अधिक लोग समय पर उपकर जमा कर सकें और अनावश्यक ब्याज से बच सकें।

मुख्यालय ने की कड़ी निगरानी, प्रभारी अधिकारी नियुक्त

जिले में उपकर संग्रहण लक्ष्य से पीछे चल रहा था, मुख्यालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए संदीप कुमार को जिला प्रभारी नियुक्त किया। उन्होंने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान श्रम विभाग की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा की और जिले में भ्रमण कर विभिन्न नवनिर्मित एवं निर्माणाधीन इकाइयों को चिन्हित किया। इसके बाद, उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यथाशीघ्र नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल उपकर क्या है?

भवन एवं अन्य संनिर्माण मंडल उपकर, जिसे आम भाषा में लेबर सेस भी कहा जाता है, एक कर (टैक्स) है जो निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिकों के कल्याण के लिए वसूला जाता है। इसे 1996 के भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम के तहत लागू किया गया था। यह उन सभी निर्माण परियोजनाओं पर लागू होता है, जिनकी लागत 10 लाख रुपए या उससे अधिक हो। उपकर की दर निर्माण लागत की 1 फीसदी निर्धारित की गई है। इस उपकर से प्राप्त राशि को राज्य सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के कल्याणकारी कार्यों में उपयोग किया जाता है।

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