पेयजल, लू-तापघात एवं एमएसपी पर खरीद को लेकर बैठक
अंतिम छोर के घरों में जाकर जल दबाव की जांच करने के निर्देश
ग्रीष्मकालीन पेयजल आपूर्ति के लिए पुख्ता प्रबंध
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री विजय वर्मा ने बताया कि जिले के 7 शहरी क्षेत्रों में से 5 शहर इंदिरा गांधी नहर प्रणाली के पेयजल से लाभान्वित हैं, जबकि टिब्बी भू-जल पर आधारित है। वर्तमान में 5 शहरों में 24 घंटे और नोहर व रावतसर में 48 घंटे के अंतराल से जलापूर्ति की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के 1323 गांव 308 जल योजनाओं से जुड़े हैं, जिनमें जल मांग के अनुसार आपूर्ति की जा रही है। जिले में 25 मार्च से 23 अप्रैल तक आंशिक और 24 अप्रैल से 23 मई तक पूर्ण नहरबंदी प्रस्तावित है। इस दौरान आवश्यक जलभंडारण पूर्ण कर लिया गया है। भाखड़ा नहर प्रणाली से जुड़ी नोहर व भादरा की योजनाओं पर भी 25 मार्च से 15 मई तक पूर्ण नहरबंदी रहेगी। जल परिवहन हेतु टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। पेयजल संबंधी शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए जिला मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष (01552-260553) की स्थापना कर दी गई है।
हीटवेव से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने जानकारी दी कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर लू-तापघात से बचाव हेतु प्रशिक्षण, बेड आरक्षण, कूलर-पंखे, दवाइयां व आपातकालीन किट्स की व्यवस्था की जा चुकी है। नरेगा साइट, स्कूलों, ईंट भट्ठों और रेन बसेरों का निरीक्षण करने हेतु चिकित्सा अधिकारियों को पाबंद किया गया है। आमजन को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। एम्बुलेंस स्टाफ को टाको मेथड का प्रशिक्षण और आईस पैक बॉक्स रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
एमएसपी पर फसल खरीद की निगरानी के निर्देश
जिले में 58 क्रय केंद्रों पर एमएसपी पर फसल की खरीद की जा रही है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि तहसीलदार व नायब तहसीलदार साप्ताहिक निरीक्षण करें। सभी केंद्रों पर सीसीटीवी, छाया और पानी की पर्याप्त व्यवस्था रहे। पटवारी व कृषि पर्यवेक्षकों की ड्यूटी रोटेशन आधार पर लगाई जाए और फसल का उठाव सही ढंग से सुनिश्चित किया जाए। बैठक में ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।