हनुमानगढ़ जिले के नवाचारों को प्रदेश में अपनाया, कलेक्टर काना राम को किया सम्मानित
नवाचारों की केटेगरी में देश में तीन जिलों में हनुमानगढ़ को मिला सम्मान
नवाचार से मिला लाभ: आपत्तियों के चलते लटकता था क्लेम, खेत में वीडियो-फोटो, सीसीई एप से रिपोर्ट
बीते वर्षों में जब भी खेतों में फसल कटाई प्रयोग होते थे, बीमा कंपनी बड़ी संख्या में आपत्तियाँ लगाती थी। इससे किसानों को बीमा क्लेम मिलने में देरी होती थी या वे पूरी तरह वंचित रह जाते थे। खरीफ 2023 में भी कई पटवार मंडलों के क्लेम उच्च स्तर पर लंबित रहे। वहीं, 2022 और 2023 में एक लाख से ज्यादा बीमा पॉलिसियाँ रिजेक्ट की गईं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए रबी 2023-24 और खरीफ 2024 में जिले में कई बदलाव किए गए। फसल कटाई की सूचना बीमा कंपनी को पहले से लिखित रूप में देना अनिवार्य किया गया। हर प्रयोग को CCE एप से अपलोड किया गया। खेत में फसल कटाई, थ्रेसिंग और तौल के समय फोटो और वीडियो बनाना जरूरी किया गया। फसलों के चयन में तकनीक का सहारा लिया गया। बैंक और बीमा कंपनियों के साथ समन्वय के लिए जिला स्तरीय समिति की बैठकें नियमित करवाई गईं।
ना आपत्ति, ना पॉलिसी रिजेक्ट, किसानो को मिली राहत
इन नवाचारों का असर ये हुआ कि रबी 2023-24 और खरीफ 2024 के दौरान बीमा कंपनी ने एक भी आपत्ति दर्ज नहीं की। रबी सीजन में किसानों को क्लेम समय पर मिल चुका है और खरीफ 2024 के क्लेम की गणना भी पूरी हो गई है, जल्द वितरण शुरू होगा। जहां 2022 और 2023 में 1 लाख से ज्यादा पॉलिसियाँ रिजेक्ट हो गई थीं, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर सिर्फ 7,000 रह गई। इसका मतलब है कि अधिकतर किसानों को अब उनका हक समय पर मिल रहा है।
राज्य सरकार ने अपनाया जिले का मॉडल
जिले के इस मॉडल को राजस्थान कृषि विभाग ने खरीफ 2024 से पूरे राज्य में लागू कर दिया है। यह जिले के लिए गर्व की बात है और कलेक्टर काना राम के प्रयासों की बड़ी सफलता मानी जा रही है।