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विकलांगता प्रमाण पत्र( यूडीआईडी कार्ड) से दिव्यांगो को मिलती है समस्त सुविधाएं

ऑनलाइन विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने मे हनुमानगढ़ राज्य में प्रथम, पेंडेंसी सबसे कम

हनुमानगढ़। विकलांगता प्रमाण पत्र (यूडीआईडी) किसी भी व्यक्ति की विकलांगता और उसकी गंभीरता को प्रमाणित करने वाला सरकारी दस्तावेज है। भारत में यह प्रमाण पत्र अधिकतर सरकारी अस्पतालों में गठित चिकित्सकीय दल द्वारा जारी किया जाता है। इसके अलावा दिव्यांगजन भारत सरकार की 'स्वावलम्बन पोर्टल' पर फे्रश एप्लीकेशन ऑनलाइन अप्लाई भी कर सकता है, जो हनुमानगढ़ सीएमएचओ कार्यालय से वेरिफाई की जाती है। ऑनलाइन यूडीआईडी बनाने में जिला हनुमानगढ़ प्रथम स्थान पर है, जिसकी पेंडेंसी राज्य स्तर में सबसे कम है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि दिव्यांगजन के लिए यूडीआईडी एक जरूरी दस्तावेज है, क्योंकि उन्हें मिलने वाली हर सरकारी सुविधा और लाभ इसी प्रमाण प्रत्र के आधार पर मिलते हैं। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अनेक सुविधाओं का प्रबंध करते हैं। इनमें से किसी भी सुविधा का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति के पास यूडीआईडी होना जरूरी होता है। डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि 'स्वावलम्बन पोर्टल' पर दिव्यांगजनों द्वारा फ्रेश एप्लीकेशन ऑनलाइन अप्लाई भी कर सकता है। राज्य स्तर पर जिला यूडीआईडी कार्ड की पेंडेंसी हनुमानगढ़ में सबसे कम है। हनुमानगढ़ में अब तक 4192 यूडीआईडी आवेदन आ चुके हैं, जिसमें से 4166 कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 24 कार्ड रिजेक्ट हो चुके हैं एवं पेंडेंसी 2 कार्ड की है। इसके बाद जिला चूरू की 40 एवं जिला कोटा की 52 कार्ड की पेंडेंसी है। सबसे अधिक जिला जयपुर की पेंडेंसी 6647 है। डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि हर सप्ताह सोमवार एवं गुरुवार को हनुमानगढ़ टाउन स्थित एमजीएम जिला अस्पताल में दिव्यांगजनों के लिए शिविर आयोजित किया जाता है। नोहर उपजिला अस्पताल में हर माह के पहले गुरुवार को भी दिव्यांगजनों के लिए शिविर आयोजित किया जाता है। इसके अलावा, भादरा उपजिला अस्पताल में भी दिव्यांगजनों की जांच कर प्रमाण पत्र बनाकर दिया जाता है।

दिव्यांगजन की हरसम्भव मदद करते हैं स्वास्थ्यकर्मी

डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि सीएमएचओ कार्यालय में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी हरतेज सिंह फ्रेश एप्लीकेशन में समस्त दस्तावेजों की जांच कर यूडीआईडी की प्रक्रिया पूर्ण करवाते हैं। वे एप्लीकेशन के साथ संलग्न होने वाले संबंधित दस्तावेजों में कमी होने पर स्वयं दिव्यांगजन से मोबाइल पर बात कर उनकी मदद करते हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मी हरतेजसिंह कभी भी दिव्यांगजन को कार्यालय आकर दस्तावेज देने के लिए पाबंद नहीं करते। वे दिव्यांगजन को मोबाइल या ई-मेल पर संबंधित दस्तावेज भिजवाने के लिए आग्रह करते हैं ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि किसी भी जानकारी के लिए कण्ट्रोल रूम नम्बर 01552-261190 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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