मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए 24 अगस्त रविवार को सूखा दिवस मनाएं
घर में कूलर, परिंडों, गमलों, फ्रीज की ट्रे में जमा पानी की साफ-सफाई कर पनप रहे मच्छर के लार्वा को करें नष्ट
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा के परिजनों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाने की अपील
हनुमानगढ़। मच्छर केवल घरों के बाहर नहीं होते, बल्कि आपके और हमारे घरों के अंदर भी पैदा हो रहे हैं। हमें बाहरी मच्छरों की बजाए अपने घर के अंदर पैदा होने वाले मच्छरों के प्रजनन से रोकने के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि घरों के अंदर पनप रहा मच्छर भी डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैला रहे हैं। हमें कल रविवार 24 अगस्त को अपने-अपने घरों में ठहरे हुए पानी को नष्ट करना होगा। क्योंकि इस ठहरे हुए पानी में ही मच्छरों को प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण मिल रहा है। इसी पानी में पैदा हुए मच्छर हमारे परिजनों को बीमार कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि हमें मौसमी बीमारियों के चलते हमें अपने घरों में रूके हुए पानी को नष्ट करना होगा। उन्होंने कहा कि कल रविवार 24 अगस्त को हम अपने घरों की साफ-सफाई कर जमा पानी को नष्ट करें ताकि घर में पनप रहे लार्वा को मच्छर बनने से पहले ही खत्म किया जा सके। उन्होंने बताया कि हमारे घर में अनेक स्थान ऐसे होते हैं, जहां पर मच्छर प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण चुनकर वहां अण्डे देते हैं, जो मच्छर बनकर डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया जैसी बीमारियां पैदा करते हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि हमारे घरों के स्नानघर और शौचालय में मच्छर आसानी से अपनी संख्या बढ़ा सकते हैं, क्योकि यह क्षेत्र हमेशा नमी से भरा रहता है और यहां पानी भी रुका हुआ होता है। स्नानघर में कहीं पर भी पानी जमा ना होने दें और गीले कपड़ों को भी स्नानघर मे ना सुखाएं। नियमित रूप से फिनाईल से स्नानघर और शौचालय की सॉफ सफाई करें। फ्रीज की ट्रे को भी नियमित रूप से साफ करें, क्योंकि वहां पर भी लार्वा पाया जाता है। कई बार हम कूलर का पानी खाली करना और कूलर के उपयोग ना होने पर उसे साफ करना भूल जाते है, जिससे कूलर में एकत्रित पानी में मच्छर प्रजनन हो जातें हैं। कूलर के उपयोग में ना आने पर उसका पानी गिराकर नष्ट कर दें एवं कूलर के पैड्स को धूप में सूखा के रखें। पेड़-पौधों को दिया हुआ पानी कई बार इक_ा हो जाता है, जो मच्छरों का घर बन जाता है। बगीचे से अनावश्यक वस्तुओं और कचरे को हटा दें। परिण्डों एवं अन्य जगह में पानी को स्थिर होने से रोकें। इसके अलावा पशुओं के पीने के लिए रखें कुण्ड की नियमित साफ-सफाई करें। क्योंकि वहां पर भी मच्छरों को प्रजनन के लिए अनुकूल वातवरण मिलता है।
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