बदलाव: असुविधाग्रस्त घुमंतू परिवारों के बच्चों के जीवन में शिक्षा से आयेगा उजियारा
पीरकामड़िया के पीईईओ प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे असुविधाग्रस्त घुमंतू परिवारों की बस्ती, अभिभावकों को प्रेरित कर स्कूल में 50 बच्चों का करवाया प्रवेश
टिब्बी। राज्य सरकार द्वारा "कोई बच्चा शिक्षा से नहीं रहे वंचित" की सकारात्मक सोच को पीरकामड़िया के पीईईओ विनोद पूनिया ने प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में असुविधाग्रस्त घुमंतू परिवारों की बस्ती में पहुंचकर अभिभावकों ऐसा प्रेरित किया कि करीब 50 बच्चों को विद्यालय से जोड़कर मासूम बच्चों के जीवन में शिक्षा से उजियारा लाने का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है। पीरकामडिया के चक 24 एनजीसी नहर के किनारे बिहार से आए घुमंतू परिवार व गांव की श्री शिव गौशाला मजदूरी के लिए बिहार से आए घुमंतू परिवारों के बच्चे जो आज तक शिक्षा से अछूते रहने से अंधकार मय जीवन के दौर से गुजर रहे थे। उनके बारे में ज्ञात होने पर प्रधानाचार्य विनोद पूनिया, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक भंवरलाल गोदारा ने उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें प्रेरित किया और शिक्षा से अछूते रहे बच्चों के जीवन में शिक्षा के माध्यम से उजियारा करने के लिए करीब 50 बच्चों का प्रवेश दिया।
असुविधा ग्रस्त बच्चों के प्रवेश पर समस्त विद्यालय स्टाफ ने किया स्वागत, तत्काल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए भी बढ़ाए हाथ
पीरकामडिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रशासन ने असुविधाग्रस्त घुमंतू परिवारों के वे बच्चे जो आज तक शिक्षा से वंचित रहे है। प्रवेशोत्सव में उन परिवारों को प्रेरित कर विद्यालय से प्रवेश व बच्चों का विद्यालय के समस्त स्टाफ सदस्यों ने विद्यालय में प्रवेश के पहले दिन तिलक व माल्यार्पण से स्वागत किया। इस कार्य में विद्यालय के अध्यापकों के अलावा उपप्राचार्य व राज्य पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सोहनलाल भांभू ने भी उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने में कालांश लेने शुरू किए। वे बच्चे भी अन्य बच्चों की तरह पढ़ाई में रुचि ले रहे है। ये प्रयास उनके जीवन का अनमोल क्षण होगा जो उन्हें बिना शिक्षा के अंधकार को दूर करने में सहायक होगा।
प्रधानाचार्य विनोद पूनिया व पीटीआई भंवर लाल गोदारा असुविधाग्रस्त बच्चों को विद्यालय में प्रवेश के लिए पहले दिन अपनी गाड़ी में लाकर प्रवेश करवाया। जिसके बाद इन्हें आवागमन सुविधा उपलब्ध करवाई। और उन्हें तत्काल स्टाफ सदस्यों व अन्य के सहयोग से ड्रेस, शिक्षण सामग्री, जूते, आवागमन सुविधा आदि सहित किताबे वितरण कर शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने का काम किया। जो उन बच्चों को एक नई दिशा की ओर लेकर जायेगा।
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