सीएचसी पल्लू, सीएचसी फेफाना एवं पीएचसी भिरानी में आयोजित चिकित्सा शिविर में 16 नए मरीजों ने उपचार लेना शुरु किया
मानस अभियान : कैम्प में पहुंचे 106 मरीजों की हुई स्वास्थ्य जांच
हनुमानगढ़। जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में मंगलवार 11 फरवरी को खण्ड रावतसर की सीएचसी पल्लू, खण्ड नोहर की सीएचसी फेफाना एवं खण्ड भादरा की पीएचसी भिरानी में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविर आयोजित किया गया। शिविर में 16 नए मरीजों ने मनोचिकित्सक से काउंसलिंग के बाद नशा छोडऩे का प्रण लिया। तीनों चिकित्सा शिविरों में आए 106 मरीजों की काउंसलिंग की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविरों में आयोजन किया जा रहा है। शिविर में नशों का सेवन करने वाले रोगियों को मनोचिकित्सकों द्वारा उपचार एवं काउंसलिंग द्वारा उपचार किया जा रहा है। मानस अभियान के तहत अनेक मरीजों ने नशों का सेवन करना छोड़ दिया है। ठीक होने के बाद मरीज नियमित रूप से शिविर में आ रहे हैं एवं मनोचिकित्सकों से काउंसलिंग से उपचार ले रहे हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सीएचसी पल्लू, सीएचसी फेफाना एवं पीएचसी भिरानी में नशा मुक्ति शिविर आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि सीएचसी पल्लू में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. ओपी सोलंकी एवं सीएचसी इंचार्ज डॉ. जयप्रकाश ने मरीजों की जांच की। शिविर में 49 मरीज उपचार के पहुंचे, जिनमें से 21 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 2 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 4 मरीज पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। शिविर के दौरान 8 मरीजों ने बताया कि वे चिट्टा एवं मेडिकेटिड नशों का सेवन करते थे। डॉ. शर्मा ने बताया कि सीएचसी फेफाना में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. मनोज डूडी एवं सीएचसी इंचार्ज डॉ. भूपेन्द्र ने मरीजों की जांच की। शिविर में 30 मरीज उपचार के पहुंचे, जिनमें से 22 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 6 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 6 मरीज पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। शिविर के दौरान 8 मरीजों ने बताया कि वे चिट्टा एवं मेडिकेटिड नशों का सेवन करते थे। सीएचसी फेफाना के अंतर्गत आयोजित शिविरों में 4 मरीज पूर्ण रूप नशा छोड़ चुके हैं। इसी तरह, पीएचसी भिरानी में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. सुनील कुमार ने मरीजों की जांच की। शिविर में 27 मरीज उपचार के पहुंचे, जिनमें से 24 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 8 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार किया गया। शिविर में उपचार के लिए आए मरीजों एवं उनके परिजनों को नशों के दुष्प्रभाव से परिवार एवं समाज पर होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। अंत में सभी मरीजों एवं उनके परिजनों को नशा ना करने की शपथ दिलाई।
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मरीजों का उपचार करते हुए चिकित्सक |
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