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"एक जिला-एक उत्पाद" योजना में पंच गौरव कार्यक्रम

कृषि प्रसंस्करण इकाइयों, किन्नू उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यशाला और प्रशिक्षण के निर्देश

प्रत्येक जिले को प्रति वर्ष 5 करोड़ का बजट, हनुमानगढ़ में कृषि, खेल, उद्यम और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक शीशम आधारित पौधशाला होगी विकसित

हनुमानगढ़। पंच गौरव कार्यक्रम की प्रगति को लेकर जिला कलेक्टर काना राम की अध्यक्षता में बुधवार को समीक्षा बैठक हुई। बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पंच गौरव कार्यक्रम को जिले में प्रोत्साहित करने के लिए प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया जाएगा। इस बजट का उपयोग पंच गौरव के तहत जिले के विकास, कृषि, खेल, पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। जिला कलेक्टर ने कहा कि पंच गौरव के तहत नवाचारों को समाहित करने के लिए किन्नू फसल उत्पादक किसानों के साथ कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए। किन्नू प्रोसेसिंग इकाइयों के साथ ही किन्नू उत्पादकों को प्रोसेसिंग यूनिट की विजिट करवाई जाए। जिला कलेक्टर ने उद्योग विभाग को एक जिला एक उत्पाद के तहत कृषि विपणन विभाग के साथ मिलकर कृषि प्रोसेसिंग इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए। उद्योग महाप्रबंधक श्रीमती आकाशदीप ने एकीकृत क्लस्टर निर्माण को लेकर सुझाव दिए। 

प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक शीशम आधारित पौधशाला होगी विकसित

जिला खेल अधिकारी को जिला मुख्यालय पर हॉकी प्रशिक्षण के लिए कोचों की नियुक्ति करने के साथ ही जिले में हॉकी प्रशिक्षण के लिए 16 अन्य ग्राम पंचायतों का चयन करने के भी निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने एक जिला-एक किस्म के रूप में चयनित शीशम के लिए 2024-25 में 2 लाख पौध तैयार कर आगामी मानसून में वितरण के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने कहा कि ग्राम पंचायत में तैयार हो रही पौधशालाओं में प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक पौधशाला को केवल शीशम आधारित विकसित किया जाए। शीशम में लगने वाले कीटों के लिए आफरी एवं काजरी के वैज्ञानिकों को अनुसंधान हेतु लिखा जाए।

पंच-गौरव में जिले के गौरव

"एक जिला-एक उत्पाद" योजना के तहत जिले में कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र को चयनित किया गया है, जिससे जिले की प्रमुख फसलें और उनके उत्पाद बाजार में बेहतर स्थान प्राप्त कर सकें। "एक जिला-एक खेल" के तहत जिले में हॉकी को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए विशेष खेल प्रशिक्षण केंद्र और खेल मैदानों का निर्माण किया जाएगा। "एक जिला-एक प्रजाति" में जिले की प्रमुख लकड़ी प्रजाति शीशम का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा। "एक जिला-एक डेस्टिनेशन" योजना के तहत जिले के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल गोगामेड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। "एक जिला-एक उपज" में जिले की विशेष उपज कीनू को चुना गया है। इसका विपणन, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए विशेष रणनीति तैयार की जाएगी। बैठक में उद्योग महाप्रबंधक श्रीमती आकाशदीप सिद्धू, उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. रमेश चंद्र बराला, जिला खेल अधिकारी शमशेर सिंह, सांख्यिकी उपनिदेशक श्रीमती ममता बिश्नोई सहित देवस्थान और उद्योग विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।




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