आलू उत्पादक किसानों के लिए सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिला कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
हनुमानगढ़। जिले के आलू उत्पादक किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई), क्षेत्रीय केंद्र मोदीपुरम, मेरठ (उत्तर प्रदेश) में सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 25 मार्च से 31 मार्च 2025 तक चलेगा। प्रशिक्षण के लिए चयनित किसानों के दल को जिला कलेक्टर काना राम ने सोमवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे विषय विशेषज्ञों से गहन अध्ययन करें, प्रशिक्षण सामग्री का लाभ उठाएं और सजीव प्रदर्शनों से सीखें। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर आलू उत्पादन में वृद्धि करने और अपने गांव के अन्य किसानों को भी प्रेरित करने का आग्रह किया, जिससे जिले में आधुनिक खेती को बढ़ावा मिले। कृषि आत्मा उपनिदेशक सुभाष चंद्र डूडी ने जानकारी दी कि हनुमानगढ़ जिले की पंचायत समितियों – हनुमानगढ़, टिब्बी, संगरिया, पीलीबंगा और रावतसर से चयनित 40 युवा प्रगतिशील आलू उत्पादक किसानों को इस अंतरराज्यीय प्रशिक्षण में शामिल किया गया है। यह प्रशिक्षण 'गुणवत्तायुक्त आलू उत्पादन एवं विपणन तकनीक' विषय पर केंद्रित होगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2024-25 के तहत राजस्थान कृषक कौशल एवं क्षमता संवर्धन योजना में राज्य के 5000 किसानों को देशभर के विभिन्न केंद्रीय कृषि संस्थानों में प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। जिले को दो प्रशिक्षण कार्यक्रम (प्रत्येक में 40 किसान) का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इस योजना के अंतर्गत किसानों की रुचि और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रशिक्षण दल को रवाना करने के दौरान संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. प्रमोद कुमार, सहायक निदेशक कृषि बलकरण सिंह, सहायक निदेशक उद्यान साहबराम गोदारा, उप परियोजना निदेशक आत्मा करणजीत सिंह, कृषि अधिकारी कुलवंत सिंह सहित अन्य कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।