मानस अभियान: नशा मुक्ति शिविर का आयोजन

सीएचसी सूरेवाला एवं पीएचसी मंदरपुरा में नशा मुक्ति शिविर का आयोजन, शिविर में 9 नए मरीजों ने उपचार लेना शुरु किया

मानस अभियान : कैम्प में पहुंचे 71 मरीजों की हुई स्वास्थ्य जांच


हनुमानगढ़। जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में बुधवार 2 अप्रेल को ब्लॉक टिब्बी की सीएचसी सूरेवाला एवं ब्लॉक नोहर पीएचसी मंदरपुरा में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 9 नए मरीजों ने मनोचिकित्सक से काउंसलिंग के बाद नशा छोडऩे का प्रण लिया। नशा मुक्ति चिकित्सा शिविरों में 71 मरीजों की स्वास्थ्य जांच की। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिला कलक्टर श्री कानाराम के निर्देशन में हमानगढ़ जिले को नशा मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि बुधवार 2 अप्रेल को सीएचसी सूरेवाला एवं पीएचसी मंदरपुरा में नशा मुक्ति शिविर आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि सीएचसी सूरेवाला में आयोजित शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. भालसिंह एवं सीएचसी इंचार्ज डॉ. अंकुर कुमार, वार्ड अस्सिस्टेंट श्रीमति मीनाक्षी, जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ से डीपीओ अंजू बाला एवं त्रिलोकेश्वर शर्मा ने मरीजों की जांच की। शिविर में 52 मरीज उपचार के लिए पहुंचे, जिनमें से 41 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 7 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार शुरु किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 12 मरीज पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। सीएचसी सूरेवाला के अंतर्गत आयोजित शिविरों में अब तक 1 मरीज नशों का सेवन करना छोड़ चुका है। डॉ. शर्मा ने बताया कि पीएचसी मंदरपुरा में आयोजित दूसरे शिविर में मनोचिकित्सक डॉ. मनोज डूडी एवं पीएचसी इंचार्ज ने मरीजों की जांच की। शिविर में 19 मरीज उपचार के पहुंचे, जिनमें से 9 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 2 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 8 मरीज पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। पीएचसी मंदरपुरा के अंतर्गत आयोजित शिविरों में अब तक 1 मरीज नशों का सेवन करना छोड़ चुका है। शिविर में उपचार के लिए आए मरीजों एवं उनके परिजनों को नशों के दुष्प्रभाव से परिवार एवं समाज पर होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। अंत में सभी मरीजों एवं उनके परिजनों को नशा ना करने की शपथ दिलाई।

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