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मानस नशा मुक्ति अभियान

मानस नशा मुक्ति अभियान की समीक्षा बैठक, ई-शपथ दिलवाने का लक्ष्य निर्धारित

23 नशा मुक्त ग्राम पंचायत चिह्नित, 183 नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन

-मानस हेल्पलाइन 1933 का व्यापक प्रचार करने के निर्देश

अधिकारियों को नियमित रूप से नशा मुक्ति केंद्रों और मनोरोग क्लिनिकों का निरीक्षण करने के निर्देश




हनुमानगढ़, 23 मई। जिला कलेक्टर श्री काना राम की अध्यक्षता में शुक्रवार को मानस नशा मुक्ति अभियान की समीक्षा बैठक हुई। इस मौके पर जिला कलेक्टर ने ई- शपथ, खेल गतिविधियों, नशा मुक्ति शिविरों, हेल्पलाइन के प्रचार- प्रसार इत्यादि को लेकर समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने कहा कि सभी नशा मुक्ति केंद्रों पर अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगवाना सुनिश्चित किया जाए।जिला कलेक्टर ने निर्देशित किया कि खेल गतिविधियों, चिकित्सा एवं परामर्श शिविरों तथा अन्य आयोजनों में भाग लेने वाले नागरिकों को अधिक से अधिक ई-शपथ दिलवाई जाए। समस्त जिला स्तरीय अधिकारी अपनी विभागीय बैठकों में मानस अभियान की नियमित समीक्षा करें। नशा छोड़ने वाले व्यक्तियों का नियमित फॉलोअप लिया जाए। साथ ही, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को निर्देशित किया कि सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों के साथ किसी भी निजी केंद्र की अनुमति नहीं दी जाए।

नियमित करें नशा मुक्ति केंद्रों और मनोरोग क्लिनिकों का निरीक्षण

जिला कलेक्टर ने सीएमएचओ, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा उपखण्ड अधिकारियों को नियमित रूप से नशा मुक्ति केंद्रों और मनोरोग क्लीनिकों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान फोटो मिलान, स्टाफ व संसाधनों की जांच हो तथा टेलीफोन से मरीजों का पुनः सत्यापन किया जाए। प्रत्येक माह आयोजित होने वाले नशा मुक्ति चिकित्सा एवं परामर्श शिविरों का ग्राम विकास अधिकारी, आशा, एएनएम तथा अन्य माध्यमों से प्रचार- प्रसार किया जाए। प्रत्येक माह एसडीएम, तहसीलदार एवं बीडीओ अपने क्षेत्र में आयोजित एक-एक शिविर का निरीक्षण करें।

183 नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन

सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने जानकारी दी कि अभियान के तहत जिले में अब तक 183 नशा मुक्ति शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें कुल 4216 नशाग्रस्त मरीजों का उपचार किया गया है। इनमें से 1184 मरीजों की काउंसलिंग की गई, जबकि 167 मरीजों ने नशा पूरी तरह छोड़ दिया है। चिट्टा व मेडिकेटेड नशे से पीड़ित 1538 मरीजों का भी उपचार किया गया। औषधि नियंत्रण अधिकारियों को गत वर्ष की तुलना में अधिक सीजिंग कार्रवाई करने एवं नशा बेचने वाले मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए।

जिले में 23 नशा मुक्त ग्राम पंचायतें चिह्नित

जिला परिषद सीईओ श्री ओपी बिश्नोई ने बताया कि अब तक 23 ग्राम पंचायतों को “नशा मुक्त ग्राम पंचायत” के रूप में चिह्नित किया गया है। जिला कलेक्टर ने निर्देशित किया कि अगली समीक्षा बैठक से पूर्व प्रत्येक एसडीएम अपने क्षेत्र में तीन-तीन ग्राम पंचायतें तथा तीन-तीन शहरी वार्डों को “नशा मुक्त” करने का प्रयास करें। इन स्थानों पर वॉल पेंटिंग कर सूचना प्रदर्शित की जाए तथा जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किया जाए।

आंगनबाडियों में हो रहा वॉल पेंटिंग और नारा लेखन कार्य

महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि जिले की 1248 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 934 पर नशा मुक्ति से संबंधित वॉल पेंटिंग एवं नारा लेखन का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिला कलेक्टर ने शेष केंद्रों पर यह कार्य शीघ्र पूर्ण करवाने के निर्देश दिए।

मानस हेल्पलाइन 1933 का हो व्यापक प्रचार

जिला कलेक्टर ने समस्त जिला अधिकारियों को “1933” मानस हेल्पलाइन का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। इस हेल्पलाइन पर कोई भी व्यक्ति नशे से संबंधित अवैध गतिविधियों की सूचना गोपनीय रूप से दे सकता है। वॉल पेंटिंग में 1933 नंबर स्पष्ट रूप से अंकित करवाया जाए। बैठक में पंचायती राज, कृषि, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, स्वायत्त शासन, पुलिस, राजकीय महाविद्यालय, शिक्षा, रिको, आबकारी, वन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।



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