प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना
असंगठित सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आधिकारिक क्षेत्र से जोड़ना, उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना और गुणवत्ता, पैकेजिंग व ब्रांडिंग में सुधार करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। यह योजना “एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) का दृष्टिकोण अपनाती है, जिससे मूल्य श्रृंखला तैयार की जाती है और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलता है
परिचालन अवधि और बजट (Duration & Outlay)
योजना का क्रियान्वयन: वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक (5 वर्ष)। कुल बजट का आवंटन: ₹10,000 करोड़ ।
वित्तीय सहायता एवं अनुदान (Financial Support & Subsidies)
1. व्यक्तिगत/समूह इकाइयाँ: क्रेडिट-लिंक्ड पूंजी सब्सिडी के रूप में पात्र परियोजना लागत का 35% तक अनुदान, अधिकतम ₹10 लाख प्रति इकाई। लाभार्थी का न्यूनतम योगदान 10% होना अनिवार्य है।
2. स्वयं सहायता समूह (SHG): प्रति सदस्य ₹40,000 की बीज पूंजी (seed capital), समूह स्तर पर अधिकतम ₹4 लाख तक उपलब्ध ।
3. साझा अवसंरचना (Common Infrastructure): एफपीओ, एसएचजी, सहकारी समितियों के लिए 35% तक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी, अधिकतम ₹3 करोड़ तक उपलब्ध ।
4. ब्रांडिंग और विपणन (Branding & Marketing): FPO/SHG/Co-op या SPV को 50% तक का जन-अनुदान प्रदान किया जाता है ।
प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण (Capacity Building)
उद्यमियों को प्रशिक्षण (Entrepreneurship Development + खाद्य प्रसंस्करण-विशिष्ट) प्रदान किया जा रहा है। संसाधन व्यक्ति (Resource Persons) जिला/क्षेत्र स्तर पर DPR, बैंक ऋण, पंजीकरण, FSSAI आदि में सहायता करते हैं ।
पीएमएफएमई योजना की प्रमुख विशेषताएँ (Key Highlights)
1. ODOP (एक जिला-एक उत्पाद) दृष्टिकोण के माध्यम से स्थानिक उत्पादों को बढ़ावा देना ।
2. अनुसंधान एवं विकास सहायता, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पैकेजिंग, शेल्फ-लाइफ सुधार आदि में सहायता के लिए संसाधन निधि।।
अधिक जानकारी के लिए क्लिक कीजिए https://pmfme.mofpi.gov.in/pmfme/#/Home-Page
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