स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान : जिले में 10 से 16 साल के 7252 बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत दी गई टीडी वैक्सीन
छूटे हुए बच्चों को 24 सितम्बर को लगेगी टीडी-10 एवं टीडी-16 वैक्सीन
हनुमानगढ़। जिले में 17 सितम्बर से आयोजित स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के तहत गुरुवार को मातृ, शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (एमसीएचएन-डे) पर बच्चों को शिक्षण संस्थाओं में जाकर टीडी-10 एवं टीडी-16 वैक्सीन लगाई गई। इस संबंध में चिकित्सा विभाग ने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 10 से 16 वर्ष के किशोर व किशोरियों को टीडी वैक्सीन की दिए जाने के जरूरी निर्देश दिए हैं, जिसमें टेटनस और डिप्थीरिया जैसे गंभीर रोगों से बचाव के लिए टीडी वैक्सीन की दो खुराक दिया जाना है।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के तहत गुरुवार को टीकाकरण दिवस पर 474 सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें 7252 किशोर-किशोरियों को शिक्षण संस्थान में जाकर टीडी-10 एवं टीडी-16 वैक्सीन लगाई गई। इसमें खण्ड हनुमानगढ़ में 1233 बच्चों को टीकाकृत किया गया। इसी तरह, खण्ड नोहर में 1199 बच्चों को, खण्ड भादरा में 705 बच्चों को, खण्ड रावतसर में 1106 बच्चों को, खण्ड पीलीबंगा में 1063 बच्चों को, खण्ड संगरिया में 783 बच्चों को एवं खण्ड टिब्बी में 984 बच्चों का टीकाकरण किया गया। इसमें 5752 टीडी-10 तथा 1500 टीडी-16 किशोर-किशोरियों को लगाई गई। उन्होंने बताया कि टेटनस व डिप्थीरिया जैसे रोगों से बचाव के लिए टीडी वैक्सीन महत्वपूर्ण है। कम उम्र के किशोर-किशोरियों को टेटनस और डिप्थीरिया दोनों ही रोग का खतरा अधिक होता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को सही समय पर टीकाकृत किया जाए। उन्होंने कहा कि छूटे हुए बच्चों को 24 सितम्बर को टीडी-10 व टीडी-16 की वैक्सीन लगाई जाएगी। डॉ. शर्मा ने बताया कि अभियान के तहत जिले में 17 सितम्बर को 2756 लोगों की रक्त की जांच भी की गई।
संक्रामक रोग है टेटनस और डिप्थीरिया : आरसीएचओ डॉ. सुनील विद्यार्थी ने बताया कि टेटनस और डिप्थीरिया दोनों ही संक्रामक रोग है। कम उम्र के किशोरों को इसका ज्यादा खतरा होता है। उच्च रक्तचाप, तंत्रिका तंत्र का प्रभावित होना, मांसपेशियों में ऐंठन, गर्दन और जबड़े में अकडऩ, व पीठ का आकार धनुसाकार होना प्रमुख लक्षण है। उन्होंने बताया कि डिप्थीरिया के रोगियों को सांस लेने में तकलीफ, गर्दन में सूजन, बुखार व खांसी इसके शुरुआती लक्षण है। रोगी के खासने की वजह से दूसरे लोगों के भी इससे संक्रमित होने का खतरा होता है।
गर्भवती महिलाओं की हुई एएनसी जांच : डॉ. सुनील विद्यार्थी ने बताया कि एमसीएचएन-डे पर जिले में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों पर टीकाकरण सत्रों का आयोजन किया गया। इसके तहत गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, आवश्यक टीके, नि:शुल्क दवाइयां तथा उन्हें उचित खान-पान एवं पोषण संबंधी जानकारी भी दी गई। नवजात शिशुओं को भी टीके लगाए गए एवं आवश्यक ड्रॉप्स पिलाई गई। जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों ने एमसीएचएन-डे एवं कोल्ड चैन प्वाईंट का सघन निरीक्षण किया।



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