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रंगों का त्यौहार होली का बताया महत्व

पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया होली का पर्व, सुंदर रंग सद्भावना प्रेम शांति आनंद का लगाना: ब्रह्माकुमारी अनिता बहन



टिब्बी के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ओम शांति भवन में गुरुवार को रंगों का त्योहार होली पर्व श्रद्धा एवं उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर स्थानीय केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अनिता बहन ने कहा कि होली का पर्व तीन तरह से मनाया जाता है। एक होली जलाने वाली जिसमें हमें अपनी बुराइयों व पुरानी आदतों को जला देना है। संसार मिलन की रास करनी है। दूसरी होली रंग लगाने की होली है जिसमें हमें ईश्वर के प्यार में रंग जाना है। ऐसा सुंदर रंग सद्भावना प्रेम शांति आनंद का लगाना है जो कितना भी मिटाने या धोने की कोशिश करे कोई मिटा या धो ना पाए ऐसी प्रभु प्यार में आत्मिक प्यार के रंग में सुंदर रंग जाए। तीसरी होली मंगल मिलन मनाने की जिसमें सभी के गिले शिकवे भूलकर सभी को माफ करते हुए मधुर बोल की मिठाई खानी और खिलानी है। जीवन में किसी भी प्रकार की बुराई ना हो भांग ऐसी पीनी है ज्ञान रूपी भांग जो इतना सुंदर नशा चढ़ जाए प्रभु के अलावा कोई नजर ना आए ऐसा सुंदर नशा मिठाई में हमें खाना है । इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।



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