खरीफ 2025: जिले में 10 फसलें बीमा योजना के तहत अधिसूचित, 1 से 31 जुलाई तक होगा बीमा,
कृषक प्राकृतिक आपदाओं से फसल हानि की भरपाई के लिए समय पर करवाए बीमा, जिला प्रशासन ने की अपील
हनुमानगढ़, 30 जून। खरीफ 2025 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिले में 10 फसलों को अधिसूचित किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार, कपास, धान, तिल एवं मूंगफली शामिल हैं, वहीं किन्नू व मिर्च को पुनर्गठित मौसम आधारित योजना में सम्मिलित किया गया है। इस संबंध में संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. प्रमोद कुमार ने जानकारी दी। डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि किसानों को फसल बीमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है। बीमा हेतु प्रति बीघा प्रीमियम राशि व बीमित राशि फसलवार निर्धारित की गई है। बाजरे के लिए 90 रुपए प्रति बीघा प्रीमियम में 4510 रुपए की बीमित राशि, मूंग में 194.10 रुपए में 9705.50 रुपए, मोठ में 85.29 रुपए में 4264.50 रुपए, ग्वार में 106.10 रुपए में 5305 रुपए, कपास में 491.31 रुपए में 9826.25 रुपए, धान में 406.27 रुपए में 20,313.75 रुपए, तिल में 140.73 रुपए में 7036.50 रुपए और मूंगफली में 567.62 रुपए प्रति बीघा प्रीमियम पर 28381.25 रुपए प्रति बीघा की बीमित राशि तय की गई है। किन्नू और मिर्च जैसी नकदी फसलों के लिए भी क्रमशः 885.20 व 759.00 रुपए प्रीमियम पर 17,724 और 15,180 रुपए की बीमा राशि निर्धारित की गई है।
बीमा ऋणी व गैर ऋणी दोनों प्रकार के कृषकों के लिए उपलब्ध है। गैर ऋणी कृषकों को आधार कार्ड, नवीनतम जमाबंदी की प्रति, बैंक पासबुक जिसमें आईएफएससी कोड व खाता संख्या स्पष्ट हो अपलोड करना होगा। बटाईदार किसानों को अतिरिक्त रूप से 100 रुपए के स्टांप पर शपथ पत्र, मूल निवास व स्वामी और बटाईदार दोनों के आधार कार्ड की स्वप्रमाणित प्रतिया भी देनी होगी। बीमा के नामांकन हेतु किसान व्यावसायिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, पैक्स, डाकघर व कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, किसानों को सलाह दी गई है कि वे बीमा के समय अपना मोबाइल नंबर अवश्य दर्ज कराए, ताकि बीमा से संबंधित सूचनाए एसएमएस के माध्यम से मिल सके। बीमा योजना के अंतर्गत सुखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जलभराव, कीट/व्याधि, बिजली गिरना, आग, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात आदि कारणों से हुए नुकसान पर बीमा दावा किया जा सकेगा। फसल कटाई उपरांत 14 दिनों तक चक्रवाती वर्षा व ओलावृष्टि से हुए नुकसान को भी कवर किया जाएगा, परंतु इसकी सूचना बीमा कंपनी को 72 घंटों के भीतर देना अनिवार्य होगा। किसान अधिक जानकारी हेतु एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि, व्हाट्सऐप नंबर 7065514447, हेल्पलाइन 14447, या क्रॉप इंश्योरेंस मोबाइल ऐप के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। जिला कलक्टर ने जिले के समस्त कृषकों से अपील की है कि वे समय रहते अधिसूचित फसलों का बीमा अवश्य करवाए, जिससे प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नुकसान की भरपाई संभव हो सके।