Barcking News

6/recent/ticker-posts

आयुष्मान आरोग्य योजना

हर नवजात को स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार, आयुष्मान आरोग्य योजना कर रही साकार

योजना से सम्बद्ध अस्पतालों में छोटे बच्चों को मिल रहा लाखों का उपचार


हनुमानगढ़। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना नवजात शिशुओं के लिए भी जीवनदायिनी साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत जन्म के तुरंत बाद से ही बच्चों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से सम्बद्ध जिले के अनेक अस्पतालों में नवजन्में बच्चों का उपचार हो रहा है।मुख्य चिकित्सा एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के अंतर्गत नवजन्में शिशुओं के लिए अस्पतालों में नि:शुल्क जांच, दवाइयां, सर्जरी तथा आवश्यकता अनुसार आईसीयू सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक बोझ से राहत मिल रही है और नवजात शिशुओं को जन्म से ही उपचार मिल रहा है, जिससे वे स्वस्थ जीवन जीने का अवसर प्राप्त हो रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि पहले कई बार गंभीर रोग से ग्रस्ति नवजातों का इलाज परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अधूरा रह जाता था, लेकिन अब मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से बच्चों का समुचित इलाज समय पर सम्भव हो रहा है। इस योजना से शिशु मृत्युदर में भी कमी आ रही है। डॉ. शर्मा ने कहा कि नवजात शिशुओं की बीमारियों को नजरअंदाज ना करें और किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तुरंत अस्पताल में उपचार करवाएं। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना हर बच्चे के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कृत संकल्पित है।

आमजन से अपील: योजना में रजिस्ट्रेशन अवश्य करवाएं

सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने आमजन से से अपील की कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन अवश्य करवाएं। योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने पर हर परिवार को 25 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा एवं 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क दिया जाता है।

स्वस्थ हुआ नवजात, 20 दिन बाद एनआईसीयू से डिस्चार्ज


नोहर के रहने वाले रूपराम-लिछमा के बच्चे का जन्म समय से पूर्व होने पर उसका वजन काफी कम था। ऐसे में उसे मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से सम्बद्ध हनुमानगढ़ के प्राइवेट हॉस्पीटल में भर्ती करवाया। बच्ची को नियोनेटल इन्टेस्वि केयर यूनिट (एनआईसीयू) में 20 दिन के लिए भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि शुरुआती दिनों में बच्ची को सांस लेने में परेशानी, वजन कम होना और संक्रमण जैसी समस्याएं थीं। समय पर उपचार और आधुनिक सुविधाओं के कारण बच्चे की स्थिति में सुधार आया और बच्चा पूरी तरह से सही हो पाया। उपचार के उपरांत स्वस्थ बच्चे को घर लेकर जाते वक्त परिजनों ने अस्पताल प्रशासन, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। बच्चे के इलाज पर लगभग दो लाख रुपए का खर्च आया, जिसे राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया।

32 दिन की सतत देखभाल से नवजात बच्ची से पाई नई जिन्दगी



गांव बुरहानपुरा के रहने वाले विजय कुमार की बच्ची जन्म समय से पूर्व ही हुआ था। ऐसे में उसका वजन काफी कम होने पर उसे जन्म के बाद से उसे मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से सम्बद्ध हनुमानढ़ के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया। विजय कुमार ने बताया कि बच्ची का उपचार 32 दिन चला। बच्ची के इलाज पर लगभग 1 लाख 80 हजार खर्च आया, जो राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया। अब वे बच्ची को घर लेकर जा चुके है, जहां बच्ची बिल्कुल स्वस्थ है।  

सांस में तकलीफ झेल रही नवजात बच्ची मिला सुरक्षित जीवन

पवन जांगिड़ की बच्ची का जन्म समय से पूर्व होने पर उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। बच्ची को मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से सम्बद्ध नोहर के प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करवाया गया, जहां मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत बच्ची का नि:शुल्क इलाज किया गया। बच्ची के इलाज में लगभग 60 हजार रूपया खर्चा आया। उपचार के बाद स्वस्थ हुई बच्ची को पवन जांगिड़ अपने घर लेकर गए।

Post a Comment

0 Comments