हनुमानगढ़ जिले के कृषकों के लिए अंतरराज्यीय कृषक प्रशिक्षण व भ्रमण का मौका,
पात्र कृषकों से आवेदन आमंत्रित, 15 नवंबर तक कर सकेंगे आवेदन
हनुमानगढ़। किसानों की क्षमता वृद्धि एवं कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को अपनाने के उद्देश्य से नॉलेज एन्हांसमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 5 हजार युवा कृषकों को देश के विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण और भ्रमण हेतु भेजे जाने की योजना शुरू की गई है। इसी के तहत जिले को सामान्य श्रेणी में दो अंतरराज्यीय कृषक प्रशिक्षण और एक अंतरराज्यीय कृषक भ्रमण कार्यक्रम का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। प्रत्येक प्रशिक्षण/भ्रमण दल में 40 युवा कृषकों (आयु 18 से 50 वर्ष) का चयन किया जाएगा। प्रशिक्षण अवधि अधिकतम 7 दिवस (यात्रा सहित) रहेगी।
परियोजना निदेशक एवं कृषि उप निदेशक डॉ. सुभाष चन्द्र डूडी ने बताया कि उन्नत कृषि, डेयरी एवं पशुपालन, मत्स्य पालन, हाईटेक उद्यानिकी (ग्रीन हाउस/फ्लोरिकल्चर), खाद्य प्रसंस्करण, जैविक खेती, फसल कटाई उपरांत प्रबंधन तकनीक, जल उपयोग दक्षता वृद्धि तथा कपास जिंनिंग प्रक्रिया जैसे विषयों पर प्रशिक्षण राज्य से बाहर आयोजित होगा। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अन्य विषयों पर भी प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
कृषक पात्रता
डॉ. डूडी ने बताया कि प्रगतिशील कृषक, जो कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन या कृषि प्रसंस्करण से संबंधित गतिविधियों में कार्यरत हों, आवेदन के पात्र होंगे। राज्य या जिला स्तर पर पुरस्कृत कृषकों तथा महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि गत तीन वर्षों में विभागीय योजनाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कृषकों की पुनरावृत्ति न हो।
आवेदन प्रक्रिया
कृषक ई-मित्र केंद्र, राजकिसान साथी पोर्टल या राज किसान सुविधा मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने जनआधार नंबर से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऐप मॉड्यूल सक्रिय नहीं होने की स्थिति में उप निदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक आत्मा हनुमानगढ़ के माध्यम से ऑफलाइन आवेदन भी किए जा सकेंगे। आवेदन में कृषक का नाम, आयु, शिक्षा, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, जनआधार नंबर, पूर्ण पता और कृषि गतिविधियों का विवरण दर्ज करना आवश्यक है।
कृषकों का चयन कृषि संयुक्त निदेशक (विस्तार) की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। प्राप्त आवेदनों की जांच कर पात्र कृषकों का चयन किया जाएगा। सभी कृषकों से अनुरोध है कि वे 15 नवम्बर, 2025 तक अपने आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से विभाग में जमा करवाएं ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रम समयबद्ध आयोजित किए जा सके।
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