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पिंक पखवाड़ा 17 नवंबर से होगा शुरू

एनीमिया उपचार के लिए 17 से शुरू होगा पिंक पखवाड़ा

गर्भवती व धात्री महिलाओं को मिशन मोड पर लगेंगे फेरिक कार्बोक्सी माल्टोज इंजेक्शन

सभी स्वास्थ्य केन्दों के चिकित्सकों को दिया प्रशिक्षण

हनुमानगढ़। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं में एनीमिया उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग 17 से 30 नवंबर तक विशेष पिंक पखवाड़े का आयोजन करेगा। इस दौरान एनीमिक महिलाओं में एनीमिया के उपचार के लिए मिशन मोड पर फेरिक कार्बोक्सी माल्टोज इंजेक्शन लगाया जाएगा। अभियान की पूर्व तैयारी की समीक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा के निर्देशन में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन मंगलवार प्रात: 11 बजे जिला कलक्टे्रट सभागार में किया गया। इस दौरान डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अखिलेश शर्मा, आरसीएचओ डॉ. सुनील विद्यार्थी सहित समस्त बीसीएमओ, बीपीएम एवं सीएचसी-पीएचसी के चिकित्सा प्रभारी अधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि पहले से प्रचलित आईएफए टैबलेट्स यानी कि आयरन की गोलियों से धीरे-धीरे परिणाम प्राप्त होते हैं। कई महिलाओं को मतली, कब्ज, पेट खराब व अवशोषण की कमी जैसी समस्याओं के चलते इसका ज्यादा लाभ भी नहीं हो पता। ऐसे में फेरिक कार्बोक्सी माल्टोज इंजेक्शन के जरिए डेढ़ से दो माह में ही तीन से चार ग्राम हीमोग्लोबिन बढ़ सकेगा। पिंक पखवाड़ा अभियान को पूरी क्षमता के साथ कार्यान्वित करने और आधिकाधिक गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ देने के निर्देश दिए। उन्होंने महिलाओं में एनीमिया की वर्तमान स्थिति तथा गर्भवती महिलाओं व बच्चों पर एनीमिया के दुष्प्रभाव की जानकारी दी।

आरसीएचओ डॉ. सुनील विद्यार्थी ने बताया कि मध्यम से गंभीर एनीमिया यानी कि 5 से 9 ग्राम तक हीमोग्लोबिन वाली गर्भवतियों तथा धात्री महिलाओं को फेरिक काबर्ॉक्सी माल्टोज इंजेक्शन दिया जाएगा। अभियान के दौरान आशा सहयोगिनी व एएनएम एक्टिव मोड पर ऐसी पात्र महिलाओं की सूची तैयार करेगी और इन्हें अस्पताल लेकर आएंगी। इस इंजेक्शन का उपयोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा इससे उच्चतर संस्थान पर चिकित्सक की देखरेख में ही किया जाएगा।

क्या है एफसीएम ?

डीपीओ सुदेश जांगिड़ ने बताया कि फेरिक कार्बोक्सी माल्टोज इंजेक्शन हीमोग्लोबिन स्तर को तेजी से बढ़ाने में बेहद कारगर इंजेक्शन है। इसका उपयोग इंट्रावेनस में ड्रिप द्वारा किया जाता है। इसे अस्पताल में भर्ती के बिना डे केयर में 15 मिनट में लगा दिया जाता है। एक बार एफसीएम की एक डोज से डेढ से दो माह में तीन से चार ग्राम तक हीमोग्लोबिन बढ़ जाता है।

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