दिव्यांगों को मिले सहायता उपकरण, रोड़वेज रियायती यात्रा स्मार्ट कार्ड
जोरावरपुरा में वृद्धजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम
हनुमानगढ़। दिव्यांग एवं जनकल्याण सेवा समिति के तत्वाधान में रविवार को जोरावरपुरा स्थित वृद्धजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों को सहायता उपकरण वितरण सहित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ये कार्यक्रम संत श्री श्री 108 मंगलानन्द गिरी जी महाराज के सानिध्य में किया गया। हनुमानगढ़ उपखंड अधिकारी मांगीलाल सुथार एवं राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम मुख्य प्रबंधक हामिद अली के मार्गदर्शन में वृद्धजनों के लिए वाकिंग स्टिक व रोड़वेज रियायती यात्रा स्मार्ट कार्ड वितरण कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में त्रिवेणी मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल जोरावरपुरा व्यवस्थापक जगदीश स्वामी मौजूद रहे। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता हरबंस लाल सहारण ने मानव सेवा को सच्ची सेवा मानते हुए बूढे-बुजुर्गों एवं दिव्यांगों की निस्वार्थ भाव से मदद कर सच्ची सेवा करना ही जीवन का मूल उद्देश्य बताया।
4 वृद्धजनों को वॉकिंग स्टिक, 18आ को मिले रोडवेज को रियायती यात्रा स्मार्ट कार्ड
समिति द्वारा नरसेवा नारायण सेवा के उद्देश्य पर रविवार को हंस त्रिवेणी सेवा आश्रम जोरावरपुरा में समिति द्वारा स्थानीय क्षेत्र के 04 वृद्धजनों को चलने फिरने में मदद हेतू वॉकिंग स्टिक प्रदान की तो वृद्धजनों के चेहरे खिल गए। वहीं राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम हनुमानगढ़ के सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों सहित विभिन्न श्रेणी के 18 रोड़वेज रियायती यात्रा स्मार्ट कार्ड भी वितरित किए। वही लोगों को सरकार की तीर्थ यात्रा योजना सहित सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
अतिथिगणों ने वृद्धजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों को रोड़वेज रियायती यात्रा स्मार्ट कार्ड का वितरण करते हुए युवाओं को अपने बूढ़े-बुजुर्ग माँ-बाप की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। हंस त्रिवेणी सेवा आश्रम के संत राघवानंद गिरि जी महाराज ने समिति द्वारा वृद्धजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों की सहायतार्थ निस्वार्थ भाव से किए गए पुनीत कार्यों की सराहना की। गौरतलब है कि समिति हनुमानगढ़ जिले के विभिन्न उपखंड क्षेत्र में पहुंचकर लगातार दिव्यांगों एवं वृद्धजनों की सहायतार्थ निस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। इस मौके पर ग्रामीण युवा, वृद्धजन एवं वरिष्ठ नागरिक मौजूद रहे।


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