'नई चेतना 4.0' के तहत हनुमानगढ़ में राजीविका महिलाओं के लिए डिजिटल सुरक्षा कार्यशाला
यूएन-विमेन और राजीविका की संयुक्त पहल, महिलाओं को डिजिटल हिंसा और ऑनलाइन खतरों के प्रति किया गया जागरूक
हनुमानगढ़। राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद्) और यूएन-विमेन के संयुक्त तत्वावधान में, 'नई चेतना 4.0 - पहल बदलाव की' के अंतर्गत, राजीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए डिजिटल हिंसा और सुरक्षा पर एक महत्वपूर्ण संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला हनुमानगढ़ जंक्शन जिला परिषद में हुई, जिसका उद्देश्य महिलाओं को ऑनलाइन खतरों, डिजिटल अरेस्ट, और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था।
कार्यशाला में जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने मुख्य रूप से डिजिटल हिंसा और 'डिजिटल अरेस्ट' जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने समूह की महिलाओं को निर्देशित किया कि वे इस महत्वपूर्ण जानकारी को ग्राम संगठनों और क्लस्टर स्तरीय संगठनों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक पहुंचाए। कलेक्टर ने हर प्रतिभागी महिला को अपने गांव के समूहों में कम से कम 20 महिलाओं को जागरूक करने का लक्ष्य दिया, ताकि यह पहल एक जन आंदोलन बन सके। इस अवसर पर जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ओपी बिश्नोई भी मौजूद रहे।
यूएन-विमेन से स्टेट कॉर्डिनेटर श्रीमती मुक्ता अरोड़ा ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विस्तार से बताया कि डिजिटल हिंसा कैसे होती है और इसके क्या दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने मोबाइल फोन, विभिन्न एप्लिकेशन और भुगतान प्रणालियों का सुरक्षित, जिम्मेदार और विश्वसनीय तरीके से दैनिक उपयोग करने के तरीकों पर मार्गदर्शन दिया। साथ ही, उन्होंने ऑनलाइन दुर्व्यवहार की रिपोर्टिंग के लिए उपलब्ध कानूनी प्रावधानों, निवारण प्रणालियों और हेल्पलाइन के बारे में भी प्रतिभागियों को जागरूक किया।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एसीपी श्री आशीष सिहाग ने 'डिजिटल अरेस्ट' की अवधारणा और इससे सुरक्षित रहने के उपायों पर गहन जानकारी प्रदान की, जो वर्तमान डिजिटल युग में अत्यंत प्रासंगिक है। कार्यशाला के अंत में राजीविका जिला परियोजना प्रबंधक श्री वैभव अरोड़ा ने सभी समूह की महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने समूहों, क्लस्टर संगठनों और ग्राम संगठनों की नियमित बैठकों में डिजिटल हिंसा पर अनिवार्य रूप से चर्चा करें।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला में दी गई जानकारी को घर-घर तक पहुंचाए, ताकि राजीविका से जुड़ी कोई भी महिला भविष्य में डिजिटल हिंसा का शिकार न हो। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, चिकित्सा विभाग सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति ने इस पहल की गंभीरता और बहु-विभागीय सहयोग को दर्शाया।




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