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निःशुल्क क्षारसूत्र अंतरंग शल्य चिकित्सा शिविर

दस दिवसीय निःशुल्क क्षारसूत्र अंतरंग शल्य चिकित्सा शिविर सोमवार से

जंक्शन के दुर्गा मंदिर धर्मशाला में आयोजित होगा शिविर

हनुमानगढ़। राष्ट्रीय आयुष मिशन एवं आयुर्वेद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 29 दिसम्बर 2025 से 7 जनवरी 2026 तक दस दिवसीय निःशुल्क क्षारसूत्र अंतरंग शल्य चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसी सिलसिले में रविवार को जंक्शन स्थित जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में आयुर्वेद उपनिदेशक डॉ. तीर्थ शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. डी.सी. सारस्वा व डॉ. राजन सेतिया उपस्थित रहे।

डॉ. शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शिविर दुर्गा मंदिर धर्मशाला, हनुमानगढ़ जंक्शन में आयोजित होगा। दस दिवसीय शिविर आयुर्वेद विभाग की महत्वाकांक्षी योजना है। शिविर में अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा बिना किसी चीर-फाड़ के क्षारसूत्र पद्धति से उपचार किया जाएगा, जो बवासीर, भगंदर व फिशर जैसे रोगों में प्रभावी माना जाता है। इसके अतिरिक्त शिविर में प्रतिदिन सामान्य रोगों का उपचार भी किया जाएगा।

उप निदेशक डॉ. शर्मा ने बताया कि दस दिवसीय शिविर में भर्ती होने वाले रोगियों के लिए जांच, ऑपरेशन, भोजन, औषधियां, बेड-बिस्तर एवं फॉलोअप उपचार पूरी तरह निःशुल्क रहेगा। रोगी को पंजीकरण हेतु केवल एक पहचान पत्र, जैसे आधार कार्ड, साथ लेकर आना होगा।

शिविर के दौरान प्रतिदिन प्रातः 7 से 8 बजे तक योगाभ्यास कराया जाएगा। वहीं ओपीडी सेवाएं प्रातः 10 बजे से सायं 4 बजे तक उपलब्ध रहेंगी। इसके अतिरिक्त 0 से 14 वर्ष तक के बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिदिन सुवर्णप्राशन पिलाया जाएगा तथा मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए नियमित रूप से आयुर्वेदिक काढ़ा भी उपलब्ध कराया जाएगा।

विभाग के माध्यम से अग्निकर्म व विद्धकर्म पद्धति के द्वारा बिना दर्द के रोगियों को राहत दिलाई जाएगी। शिविर में योगाभ्यास के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से आमजन को कम से कम दवा, ज्यादा से ज्यादा अच्छी दिनचर्या के बारे में जानकारी देकर स्वस्थ रखने के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। प्राकृतिक आहार से किस प्रकार आमजन सामान्य बीमारियों का उपचार कर सकते हैं, इसके विधि-विधान भी शिविर में बताए जाएंगे। सर्द मौसम में किस प्रकार के आहार का सेवन करना चाहिए ताकि आमजन स्वस्थ रहें, इस संबंध में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।

डॉ. डी.सी. सारस्वा ने क्षारसूत्र पद्धति किस प्रकार कार्य करती है, इस बारे में बताया। उन्होंने बताया कि समाज में बवासीर, भगंदर आदि कई बीमारियों को लेकर जो भय बना रहता है, उससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। ये एक प्रकार के शारीरिक रोग हैं, जिनका शिविर में निःशुल्क उपचार किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष यह 10 दिवसीय शिविर आयुर्वेद विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है। शिविर के पश्चात रोगियों का फॉलोअप भी विभाग द्वारा किया जाएगा।

डॉ. राजन सेतिया ने अग्निकर्म व विद्धकर्म द्वारा बिना दर्द के मरीजों के उपचार के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि ये पद्धतियां सर्वाइकल, माइग्रेन, मस्सा सहित अन्य विभिन्न बीमारियों के बिना दर्द उपचार में सहायक हैं।

डॉ. तीर्थ शर्मा ने प्रदूषण के माहौल में योगाभ्यास व पंचकर्म के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर आमजन को स्वस्थ रखने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे इस निःशुल्क शिविर का अधिक से अधिक लाभ उठाए और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाए।

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