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अंतर जिला युवा कार्यक्रम

माय भारत केंद्र द्वारा अंतर जिला युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का भव्य समापन

हनुमानगढ़। माय भारत केंद्र, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित अंतर जिला युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का शनिवार को भव्य और समारोहपूर्वक समापन हुआ। इस कार्यक्रम ने युवाओं के व्यक्तित्व विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य को साकार किया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव, कार्यक्रम अध्यक्ष जोधपुर विद्युत प्रसारण निगम के अधीक्षण अभियंता  श्री केएल डांगी थे।

कार्यक्रम में उदयपुर जिले के 37 युवाओं ने भाग लिया, जिन्हें जिले के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहरों , दर्शनीय स्थलो का भ्रमण कराने के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर व्याख्यान और परिचर्चाओं के माध्यम से जिले की संस्कृति और रीति रिवाज से रूबरू करवाया गया।

जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा देश का भविष्य हैं, और देश का विकास उनकी सोच और कर्मठता पर निर्भर करता है। अगर युवा सशक्त और सकारात्मक सोच के साथ कार्य करेंगे, तो देश किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी ऊर्जा और क्षमताओं का उपयोग समाज को सशक्त बनाने में करें उन्होंने कहा कि वर्तमान में युवाओं को चाहिए कि वे सांस्कृतिक प्रदूषण और समाज में तेजी से फैल रहे नशे से बचे और नशा उन्मूलन में अपनी महती भूमिका अदा करे।

कार्यक्रम अध्यक्ष जोधपुर विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता श्री के एल डांगी ने राजस्थान की विविध संस्कृति और वेशभूषा पर चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान अपनी सांस्कृतिक धरोहर और विविध परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। हर 50 किलोमीटर पर यहां की बोली, पहनावा और रहन-सहन बदलता है। ऐसे कार्यक्रम युवाओं को इन विविधताओं को समझने और आपसी सौहार्द को बढ़ाने का अवसर प्रदान करते हैं।

जिला युवा अधिकारी श्रीमती रीना केसरिया ने पांच दिवसीय कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें भाग लेने वाले युवाओं को हनुमानगढ़ के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया गया। इनमें इंदिरा गांधी नहर परियोजना, भटनेर दुर्ग, सुखा सिंह-मेहताब सिंह गुरुद्वारा, भद्रकाली मंदिर और 5000 साल पुरानी सभ्यता कालीबंगा, गोगामेडी एवं गोरखटीला शामिल थे। साथ ही, युवाओं को विभिन्न समसामयिक विषयों पर व्याख्यान और परिचर्चाओं के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान लोहड़ी पर्व का भी उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर आदिवासी नृत्य, गरासिया नृत्य, घूमर और टीमली जैसे पारंपरिक नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। इन सांस्कृतिक गतिविधियों ने युवाओं को भारतीय परंपराओं से जोड़ने का कार्य किया। कार्यक्रम में साहित्यकार श्री वीरेंद्र छपोला, श्री गुरदास सुरेवाला और श्री योगेंद्र सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागी के रूप में देवाराम और कोमल जाट को सम्मानित किया गया। इनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें विशेष रूप से सराहा गया।

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