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एथेनॉल इकाई को लेकर कार्यशाला

राठीखेड़ा में स्थापित होने वाली एथेनॉल इकाई को लेकर कार्यशाला, किसानो ने कार्यशाला आमंत्रण किया अस्वीकार 

हनुमानगढ़। जिले के टिब्बी स्थित राठीखेड़ा में स्थापित होने वाली एथेनॉल इकाई को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सभी हितधारकों ने वास्तविक फायदों एवं प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। गौरतलब है कि ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा चक 5 आरके में 1320 केएलपीडी अनाज-आधारित इथेनॉल संयंत्र तथा 24.5 मेगावाट सह-उत्पादन विद्युत संयंत्र की स्थापना 16.66 हेक्टेयर (41.17 एकड़) में की जा रही है। कार्यशाला में जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव, एसपी श्री हरी शंकर सहित जनप्रतिनिधि, औद्योगिक ईकाई के प्रतिनिधि मौजूद रहें। धरनार्थी किसानों को भी कार्यशाला में आमंत्रित किया गया था परन्तु किसान कार्यशाला में उपस्थित नहीं हुए। 

कार्यशाला में अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री उम्मेदी लाल मीना ने कहा कि जिला कलेक्टर, एसपी, गणमान्य व्यक्तियों एवं पॉल्यूशन, उद्योग विभाग के संयुक्त तत्वाधान में समय-समय पर इस सिलसिले में कार्यशालाएं आयोजित की गई है। उपखंड प्रशासन द्वारा भी आमजन से समझाइश तथा वास्तविक आंकड़े रखे गए हैं। 

प्रदूषण नियंत्रण विभाग से श्री पामुल कुमार ने बताया कि औद्योगिक इकाई को स्थापना के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण मंडल से अनापति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इसके निर्माण के बाद संचालन के लिए अलग से सहमति प्राप्त करनी होगी,  जिसका नवीनीकरण प्रत्येक 5 वर्ष बाद किया जाएगा। औद्योगिक इकाई का तीन माह के अंतराल पर प्रदूषण विभाग द्वारा नियमित निरीक्षण भी किया जाएगा, कमियां मिलने पर 15 दिन का नोटिस देकर इकाई को बंद करने तक की कार्रवाई की जा सकती है। 

 बैठक में एसएसपी श्री अरविंद बिश्नोई, सीओ श्री रमेश माचरा, सीओ श्री करण सिंह, टिब्बी उपखण्ड अधिकारी श्री सत्यनारायण सुथार, उद्योग महाप्रबंधक श्रीमती आकाशदीप सिद्धू, जनप्रतिनिधि श्री प्रदीप ऐरी, श्रीमती गुलाब सिंवर, टिब्बी बार संघ अध्यक्ष श्री रोहिताश चाहर, पंचायत समिति सदस्य श्री लक्ष्मण कुमार बेनीवाल, सुरेवाला सरपंच श्री सूरजाराम पंवार, चंदूरवाली सरपंच श्री हंसराज धारणियां, भामाशाह श्री राधाकृष्ण पूनिया, श्री मनोज कुमार डेलू, श्री रामनारायण, श्री शिवराज सिंह, ड्यून एथेनॉल औद्योगिक इकाई के प्रतिनिधि श्री जेपी शर्मा, श्री रूपेश गुप्ता, श्री दिनेश सिंह, श्री जितेंद्र कुमार मौजूद रहे।

कार्यशाला में एथेनॉल फैक्ट्री के बताए महत्वपूर्ण तथ्य

इस मौके पर औद्योगिक इकाई के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया की इकाई प्रबंधन द्वारा उच्चतम मानक एवं नवीन तकनीकी का उपयोग कर तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नियमों की पालना में इथेनॉल इकाई की स्थापना की जाएगी। जिससे टिब्बी क्षेत्र का विकास होगा।

✓ औद्योगिक इकाई प्रतिनिधि ने बताया कि बैनूर, चण्डीगढ में स्थापित एथेनॉल इकाई का समय—समय पर विभिन्न निरीक्षण टीमों द्वारा निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण टीम ने प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित किए जा रहे उपायों के बारे में बताया कि बैनुर, चण्डीगढ़ एथेनॉल इकाई से निकले पानी को ना ही ग्राउण्ड में डाला जा रहा है तथा ना ही बाहर फेंका जा रहा है। जबकि इकाई में स्थापित ईटीपी द्वारा पानी का पुनः उपयोग इकाई में ही किया जा रहा है। राठी खेड़ा इकाई में भी उसी तरह ईटीपी स्थापित होगा, जो इकाई से निकले पानी का पुन उपयोग करेगा। जिससे पानी प्रदूषित भी नहीं होगा तथा पानी का इस्तेमाल भी कम होगा। इकाई जीरो वॉटर डिस्चार्ज पर काम करेगी। 

✓ इकाई प्रतिनिधि मुताबिक इकाई के पूर्णतया संचालित होने के उपरांत तीन पारियों में 750 अकुशल श्रमिक, 125 कुशल श्रमिक एवं 100 अर्द्ध कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही 150 संविदा श्रमिकों को भी नियुक्त किया जाएगा। सभी श्रमिकों के चयन में स्थानीय को वरीयता दी जाएगी। जिससे स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इकाई में कार्यरत श्रमिकों के अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर अप्रत्यक्ष रूप से किरायेदारों, दुकानदारों, मशीन संचालको, परिवहन, होटलों के माध्यम से हजारों कामगारों को काम मिलेगा। सीएसआर के माध्यम से क्षेत्र का विकास किया जाएगा। कंपनी ने सामाजिक-आर्थिक विकास गतिविधियों के लिए 5 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, तथा यह राशि सरकारी एजेंसियों और स्थानीय पंचायतों के साथ साझेदारी में व्यय की जाएगी।

✓ प्रतिनिधि ने बताया कि औद्योगिक इकाई निर्माण के कुल क्षेत्रफल में से 33 फीसदी पर सघन पौधरोपण किया जाएगा, जहां 10 हजार पौधे लगाए जायेंगे। पर्यावरण को हरा—भरा किया जाकर हरित पट्टी विकसित की जाएगी। 

✓ इकाई प्रतिनिधि ने बताया कि इथेनॉल इकाई से पेट्रोल में मिश्रित करने योग्य बायोफ्यूल तथा पशु चारे के रूप में उपयोग होने वाला कैटल फीड का उत्पादन होगा। चावल व मक्का से बायोप्रोडेक्ट के रूप में पशु चारा किसानों को सस्ता मिलेगा। 

✓ प्रतिनिधि ने बताया कि इकाई के आत्मनिर्भर संचालन के लिए कैपटिव विद्युत उत्पादन का 24.5 मेगावाट का संयंत्र लगाया जाएगा। बॉयलरों (2 × 120 टीपीएच) के साथ 70 मीटर ऊंचाई वाले पाँच-फील्ड इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी) स्थापित किए जाएंगे। जिससे इन चिमनियों से निकली हवा, वायु को प्रदूषित नहीं करेगी। 

✓ इकाई के कच्चे माल के लिए चावल और मक्का तथा जलाने के लिए पराली की आवश्यकता पड़ती है, जिससे जिले में धान की खेती करने वाले किसानों को उचित कीमत भी मिलेगी। इकाई में 9,76,500 टन से अधिक चावल एवं मक्का उपयोग में लिया जाएगा। जिससे इन फसलों को प्रोत्साहन मिलेगा। पराली के उचित प्रबंधन के साथ ही, कृषकों के लिए अतिरिक्त आय सृजन के अवसर बढ़ेंगे। 

✓ ईंधन के जलने से उत्पन्न राख को संग्रहित करे हेतु बेलनाकार साईलों की स्थापना की जाएगी। राख पर पानी का छिड़काव होने से राख का फैलाव नहीं होगा। राख को ईंट भट्टों द्वारा ईंट बनाने में प्रयोग किया जाएगा, जिसके लिए ईंट भट्टा संचालकों से एमओयू किए जायेंगे। 

✓ इकाई प्रतिनिधि ने बताया कि स्थापित होने वाला प्रोजेक्ट जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर आधारित एथेनॉल प्रोजेक्ट है। जो राजस्थान एथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन पॉलिसी 2021 तथा रिप्स 2022 के नियमानुसार है। एमओयू उपरांत नियमानुसार भूमि रूपांतरण करवाया गया है। इकाई में एथेनॉल स्टोरेज हेतु जिला कलेक्टर से अनापति प्रमाण पत्र लिया गया। पेट्रोलियम एवं एक्सप्लोसिव सेफ्टी प्रमाण-पत्र नागपुर से प्राप्त किया गया है। एनवायरमेंट क्लीयरेंस प्रमाण-पत्र, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कन्सेंट टू एस्टेब्लिशमेंट प्रमाण-पत्र, सीजीडब्ल्यूए से बोरवेल की अनुमति सहित एक्साईज अनुमतिया भी नियमानुसार ली गई है।

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