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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

रबी 2025-26 के लिए फसल बीमा करवाने का मौका, 31 दिसम्बर अंतिम तिथि

हनुमानगढ़। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी 2025-26 सीजन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिले के कृषक अपनी बोई गई फसलों का 31 दिसम्बर, 2025 तक बीमा करवा सकते हैं। योजना के तहत ऋणी कृषकों को बीमा योजना से बाहर होने की अंतिम तिथि 24 दिसम्बर, 2025 निर्धारित की गई है, वहीं बीमित फसल में परिवर्तन करवाने की अंतिम तिथि 29 दिसम्बर, 2025 तय की गई है। जिला प्रशासन ने ऋणी एवं गैर ऋणी दोनों प्रकार के कृषकों से समय पर बीमा करवाने की अपील की है।

जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने बताया कि रबी 2025-26 के लिए जिले में कुल 8 फसलें अधिसूचित की गई हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सरसों, तारामीरा, गेहूं, चना और जौ शामिल हैं, जबकि मौसम आधारित फसल बीमा योजना में फूलगोभी, मटर और आलू अधिसूचित किए गए हैं। इन सभी फसलों के लिए प्रीमियम एवं बीमित राशि प्रति हैक्टेयर निर्धारित कर दी गई है। कृषक निर्धारित प्रीमियम जमा कर बीमा कवरेज प्राप्त कर सकते हैं।

सरसों के लिए 1373.79, तारमीरा के लिए 375.42 रुपए, गेहूं के लिए 1388.63 रुपए, चना के लिए 609.63 रुपए, जौ के लिए 935.61 रुपए,  फूलगोभी के लिए 4275 रुपए, मटर के लिए 4275 रुपए, आलू के लिए 7260 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रीमियम राशि कृषक को देनी होगी। जिसमें सरसों के लिए 91583 रुपए, तारामीरा के लिए 25028 रुपए, गेहूं के लिए 92575 रुपए, चना के लिए 40642 रुपए, जौ के लिए 62374 रुपए, फूलगोभी और मटर के लिए 85500 रुपए तथा आलू के लिए 145200 रुपए प्रति हेक्टेयर बीमित राशि रहेगी। 

कृषि (विस्तार) संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि ऋणी कृषकों को अपने संबंधित ग्रामीण बैंक, व्यावसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक में आवेदन करना होगा। वहीं गैर ऋणी कृषकों को आधार कार्ड, फार्मर आईडी, नवीनतम जमाबंदी की नकल, बैंक पासबुक की प्रति तथा बटाईदार होने पर शपथ पत्र एवं भू-स्वामी के दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपना आधार कार्ड बैंक खाते से अपडेट अवश्य करवाएं, ताकि बीमा राशि प्राप्त करने में किसी प्रकार की बाधा न आए।

बीमा नामांकन व्यावसायिक बैंकों, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) तथा डाकघर के माध्यम से करवाया जा सकता है। फसल कटाई से पूर्व बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, तूफान, कीट, प्राकृतिक आग आदि से हुए नुकसान तथा कटाई उपरांत अधिकतम 14 दिन तक चक्रवात, असामयिक वर्षा एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर भी बीमा दावा किया जा सकेगा। किसी भी प्रकार की क्षति होने पर कृषक को 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचना देना अनिवार्य है।

किसान एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधियों, व्हाट्सएप चैट नंबर 7065514447, कृषि रक्षक पोर्टल हेल्पलाइन 14447 अथवा क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिला प्रशासन ने पुनः आग्रह किया है कि सभी किसान अंतिम तिथि 31 दिसम्बर, 2025 से पहले अपनी फसलों का बीमा करवाएं, ताकि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके। कृषि (विस्तार) संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि यह योजना संकट की घड़ी में किसानों के लिए बड़ा सहारा सिद्ध होती है, अतः अधिक से अधिक कृषक इसका लाभ अवश्य उठाएं। यह योजना संकट की घड़ी में किसानों के लिए बड़ा सहारा सिद्ध होती है, अतः अधिक से अधिक कृषक इसका लाभ अवश्य उठाएं।

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