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बशीर गांव की बेटी बनी डॉक्टर, चिकित्सा क्षेत्र में सेवा करना उसकी प्राथमिकता

बशीर गांव की पहली बेटी बनी डॉक्टर
निशा गोदारा को पाली के मेडिकल कॉलेज से मिली एमबीबीएस डिग्री

चिकित्सा क्षेत्र में सेवा करना उसकी प्राथमिकता


पाली के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करते हुए  निशा गोदारा 

टिब्बी। किसी भी मनुष्य के जीवन में सबसे ज्यादा मायने रखता है वह है संस्कार, जो परिवारों में मिलता है। मेरे जीवन में संस्कार जो मुझे मेरे परिवार से मिले है वे मेरे लिए अमूल्य है जो मुझे गति प्रदान करते है। हर समय मेरा मार्गदर्शन है। ये शब्द गांव बशीर की बेटी को पाली के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की डिग्री मिलने के बाद कहे। जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस 2019 दूसरे बैच के मेडिकोज का 4 साल 6 महीने का कोर्स व 1 साल का इंटर्नशिप मंगलवार को पूरा हो गया। जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने 125 मेडिकोज को एमबीबीएस डिग्री प्रदान की जिसमें से एक बेटी बशीर गांव के एक किसान परिवार तथा चौधरी के आर गोदारा मेमोरियल बीएड कॉलेज के निदेशक दुनीराम गोदारा की पौत्री निशा गोदारा पुत्री सुरेन्द्र गोदारा ने भी एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। खास बात ये है कि गांव की पहली बेटी है जो चिकित्सा क्षेत्र में सेवा करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है। डिग्री मिलने के बाद उसने कहा कि मेरे परिवारजनों से मिले संस्कार व गुरुओं मार्गदर्शन ये मुकाम पाया है। जिसके बाद रोगियों का बेहतर इलाज कर सेवा करना उसकी प्राथमिकता रहेगी। तथा पीजी के लिए भी तैयारी जारी रखेगी। इस मौके पर बड़े पापा धर्मपाल गोदारा ने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के बाद बेटी को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। और कहा कि बेटी ने परिवार, गांव का नाम रोशन किया है। उसकी उपलब्धि परिवार के प्रत्येक सदस्य को गौरवान्वित करेगी। निशा ने कहा कि परिस्थितियां कुछ भी हो, मनुष्य को अपने जीवन का पथ कभी नहीं बदलना चाहिए। अंतत: इसका परिणाम आपके पक्ष में व सुखद ही होता है। 


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