E-Manas/ई-मानस

E Manas

नशा मुक्ति शिविर में 142 मरीज हुए लाभान्वित

पीएचसी भिरानी एवं सीएचसी पीलीबंगा में आयोजित चिकित्सा शिविर में 14 नए मरीजों ने उपचार लेना शुरु किया

मानस अभियान : कैम्प में पहुंचे 142 मरीजों की हुई स्वास्थ्य जांच




हनुमानगढ़। जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में शुक्रवार 25 अप्रेल को खण्ड भादरा की पीएचसी भिरानी एवं खण्ड पीलीबंगा में सीएचसी पीलीबंगा में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 14 नए मरीजों ने मनोचिकित्सक से काउंसलिंग के बाद नशा छोडऩे का प्रण लिया। नशा मुक्ति चिकित्सा शिविरों में आए 142 मरीजों की काउंसलिंग की। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिला कलक्टर कानाराम के निर्देशन में मानस अभियान के तहत नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि शुक्रवार 25 अप्रेल को पीएचसी भिरानी एवं सीएचसी पीलीबंगा में नशा मुक्ति शिविर आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि पीएचसी भिरानी में मनोचिकित्सक डॉ. सुनील कुमार एवं पीएचसी इंचार्ज डॉ. कृष्ण कुमार ने मरीजों की स्वास्थ्य जांच की। शिविर में 65 मरीज उपचार के लिए पहुंचे, जिनमें से 52 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 10 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार शुरु किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 12 मरीज भी पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। डॉ. शर्मा ने बताया पीएचसी भिरानी में लगाए गए शिविरों में अब तक एक मरीज ने पूरी तरह से नशा करना छोड़ दिया है। डॉ. शर्मा ने बताया कि सीएचसी पीलीबंगा में मनोचिकित्सक डॉ. ओपी सोलंकी एवं सीएचसी इंचार्ज डॉ. सुनील अग्रवाल ने मरीजों की स्वास्थ्य जांच की। शिविर में 77 मरीज उपचार के लिए पहुंचे, जिनमें से 18 मरीज नशों का सेवन करते थे। कैम्प में आए सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 4 नए मरीजों ने नशा छोडऩे की इच्छा जताई, जिनकी काउंसलिंग कर उपचार शुरु किया गया। पूर्व में आयोजित नशामुक्ति शिविर में अपना उपचार करवा चुके 42 मरीज भी पुन: उपचार लेने के लिए शिविर में पहुंचे। डॉ. शर्मा ने बताया सीएचसी पीलीबंगा में लगाए गए शिविरों में अब तक एक मरीज ने पूरी तरह से नशा करना छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान 6 मरीज चिट्टा एवं मैडीकेटिड नशों का सेवन करते थे। शिविर में उपचार के लिए आए मरीजों एवं उनके परिजनों को नशों के दुष्प्रभाव से परिवार एवं समाज पर होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। अंत में सभी मरीजों एवं उनके परिजनों को नशा ना करने की शपथ दिलाई।

Post a Comment

Previous Post Next Post
E-Manas/ई-मानस
E-Manas/ई-मानस
E-Manas/ई-मानस