लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाए रखने में लोक सेवकों की भूमिका अहम
लोक सेवा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित, मुख्यमंत्री ने की कर्मयोगी कौशल विकास सप्ताह की शुरूआत
जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को कर्मयोगी पोर्टल पर इस सप्ताह कौशल विकास को लेकर दिए निर्देश
सरदार पटेल ने लोकसेवकों को कहा था ‘स्टील फ्रेम’
देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने वर्ष 1947 में आज ही के दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को संबोधित किया था। उन्होंने अपने ऐतिहासिक भाषण में लोक सेवकों को ‘स्टील फ्रेम’ अर्थात् देश की शासन व्यवस्था की रीढ़ कहा था। लोक सेवा का अर्थ निस्वार्थ भाव से जनता की भलाई के लिए कार्य करना है। बिना किसी स्वार्थ के, निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करना ही सच्ची लोक सेवा होती है। इसलिए लोक सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य लोक सेवकों के योगदान को पहचान कर उन्हें सम्मानित करना है। इस दौरान प्रदेश में सुशासन के तहत किए गए नवाचारों, उत्कृष्ट कार्यों, संपर्क पोर्टल पर लोक शिकायतों के निस्तारण की विभाग/व्यक्तिगत/जिला श्रेणी में विभिन्न अधिकारियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार-2025 एवं राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पुरस्कार प्रदान किए। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर कर्मयोगी कौशल विकास सप्ताह की शुरूआत की। साथ ही, उन्होंने एच.सी.एम. रीपा परिसर में फोटो गैलरी एवं सिविल सेवा अधिकारी संस्थान के मॉडल का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत, पुलिस महानिदेशक श्री उत्कल रंजन साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) श्री अरिजीत बनर्जी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे। जिला स्तरीय कार्यक्रम में सभी जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद रहे।