पत्रकारिता: लोकतंत्र की मजबूती का आधार है
लोकतंत्र की आत्मा और आमजन की आवाज
हनुमानगढ़। प्रतिवर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, जो न केवल पत्रकारों के अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है, बल्कि समाज को भी यह सोचने पर विवश करता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितनी अनिवार्य और मूल्यवान है। यह दिन उन पत्रकारों को सम्मान देने का दिन है जो सत्य के लिए संघर्ष करते हैं, जो सूचनाओं को जन-जन तक पहुंचा कर समाज को सजग और सशक्त बनाते हैं। पत्रकार केवल समाचार संप्रेषक नहीं होते, वे समाज के सजग प्रहरी होते हैं। उनके लेख, रिपोर्टें और विश्लेषण न केवल सूचना देते हैं, बल्कि सोच को दिशा भी देते हैं। गांव से लेकर शहर तक, कहीं विकास की कहानी है तो कहीं समस्याओं की पुकार—यह सब पत्रकार ही सामने लाते हैं। आज जब सूचना की दुनिया तेज़ी से बदल रही है, तब पत्रकारिता को और भी ज़िम्मेदार बनने की आवश्यकता है। तथ्यों की शुद्धता, निष्पक्षता और सामाजिक सरोकार को पत्रकारिता का आधार बनाना आज की आवश्यकता है।भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) क के तहत हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है, जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता भी निहित है। यह स्वतंत्रता पत्रकारों को सत्ता से सवाल पूछने, भ्रष्टाचार को उजागर करने, और आम जनता की समस्याओं को मंच देने का अधिकार देती है। यह लोकतंत्र की मजबूती का आधार है। पत्रकार सीमित संसाधनों में भी दिन-रात मेहनत कर लोगों को सूचित करने का कार्य कर रहे हैं। चाहे जैसी भी स्थिति रही हो, भीषण गर्मी, कड़ाके ही ठंड हो या सामाजिक आंदोलन या शासन की योजनाओं की जानकारी—स्थानीय पत्रकारों की सक्रियता उल्लेखनीय रही है। मैं उनकी सेवा भावना, निष्ठा और संवेदनशीलता को सलाम करता हूँ। मैं सभी मीडिया प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूँ कि वे अपनी लेखनी को सदा सत्य, नैतिकता और समाजहित के मार्ग पर चलाएं। आलोचना करें, पर तथ्यपूर्ण और मर्यादित भाषा में। प्रशंसा करें, पर अंधभक्ति से नहीं। प्रेस की स्वतंत्रता के साथ-साथ ज़िम्मेदारी भी उतनी ही आवश्यक है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर मैं सभी पत्रकारों को शुभकामनाएं देता हूँ और उनके सतत प्रयासों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। आप सभी की निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आइए, हम सब मिलकर ऐसे समाज की रचना करें जहाँ सत्य, संवाद और स्वतंत्रता का सम्मान हो।