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स्वस्थ महिला सशक्त परिवार अभियान

स्वस्थ महिला सशक्त परिवार अभियान में मेगा शिविर

शुक्रवार को जिले में आयोजित समस्त चिकित्सा शिविरों में होगी जांच

किशोर-किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं की एनीमिया की जांच

जिला स्तर से वीडियो कांफ्रेसिंग आयोजित कर खण्ड स्तरीय तैयारियों का लिया जायजा

हनुमानगढ़। छोटे बच्चों, किशोर-किशोरियों और महिलाओं में हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिकाएं) की मात्रा को बढ़ाने के लिए 26 सितम्बर को जिले में आयोजित स्वस्थ महिला सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत 6 माह से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, किशोर-किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की स्क्रीनिंग, जांच एवं एनीमिया की खुराक दी जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों में हिमोग्लोबिन के स्तर में सुधार कर उनकी शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा के निर्देशन में गुरुवार दोपहर एक वीडियो कांफ्रेसिंग (वीसी) का आयोजन कर तैयारियों का जायजा लिया। वीसी में जिला स्तर से एसीएमएचओ डॉ. अखिलेश शर्मा, आरसीएचओ डॉ. सुनील विद्यार्थी, हनुमानगढ़ बीसीएमओ डॉ. कुलदीप बराड़, डीपीओ जितेन्द्रसिंह राठौड़, यूएनडीपी से प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर योगेश शर्मा एवं दुर्गादत्त प्रजापज उपस्थित रहे। ब्लॉक स्तर से भी समस्त बीसीएमओ, बीपीओ, बीपीओ, मेडिकल ऑफिसर्स, एएनएम सहित चिकित्साकर्मी उपस्थित रहे।

आरसीएचओ डॉ. सुनील विद्यार्थी ने बताया कि शुक्रवार 26 सितम्बर को जिले में आयोजित स्वस्थ महिला सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत आयेाजित चिकित्सा शिविरों में 6 माह से 19 वर्ष के बच्चों, किशोर-किशोरियों, गर्भवती महिलाओं की आवश्यक रूप से स्क्रीनिंग कर जांच की जाए। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों, किशोर-किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया की दर लगातार बढ़ रही है। ऐसे में उनका आवश्यक उपचार सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा उन्हें उचित खानपान के बारे में भी जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि एनीमिया की शिकायत पाए जाने पर उन्हें आयु के अनुरूप बच्चों को आयरन सिरप, आयरन की गुलाबी गोली, नीली गोली, गुलाबी गोली, गर्भवती और धात्री महिलाओं को भी जांच के बाद आवश्यक होने पर आयरन-फोलिक एसिड की गोलियां दी एवं आयरन फूड या पोषक आहार के बारे में भी बताया जाए। जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान जिन बच्चों का उपचार किया जाए, उनका 45 दिन और 90 दिन बाद फॉलोअप भी आवश्यक रूप से किया जाए। यूएनडीपी के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर योगेश शर्मा ने कहा कि हीमोग्लोबिन करने वालों की एंट्री यू-विन ऐप्प में की जाए।

यह है एनिमिया

एसीएमएचओ डॉ. अखिलेश शर्मा ने बताया कि रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन नाम का प्रोटीन पाया जाता है। यह पूरे शरीर में कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। किसी वजह से हीमोग्लोबिन का स्तर घटने लगता है तो इससे शरीर में मौजूद सभी कोशिकाओं को आक्सीजन नहीं मिल पाता। इससे थकान महसूस होने लगती है। यह मुख्य कारण है। इसके अलावा खानपान में पोषक तत्वों की कमी भी इसका मुख्य कारण है। यदि खाने में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन और प्रोटीन की कमी है, तो शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या घटने लगती है।

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