भारतीय कपास निगम ने की जिले में कपास खरीद प्रक्रिया की शुरुआत
31 अक्टूबर तक होगा कपास किसान ऐप पर पंजीयन
हनुमानगढ़। जिले की विभिन्न कृषि उपज मंडी समितियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कपास (नरमा) की खरीद का कार्य प्रारम्भ हो गया है। भारतीय कपास निगम के खरीद अधिकारी श्री केवल कुमार शर्मा ने बताया कि इस वर्ष कपास की एमएसपी खरीद से पूर्व किसानों को स्वयं ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके लिए निगम द्वारा “कपास किसान ऐप” लॉन्च किया गया है, जो मोबाइल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
किसान इस ऐप को डाउनलोड कर भाषा चयन के बाद अपने मोबाइल नंबर से ओटीपी के माध्यम से लॉगिन कर सकते हैं। पंजीकरण के दौरान किसान को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, भूमि का विवरण तथा कपास बुवाई क्षेत्र की गिरदावरी रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद किसान का ऑनलाइन पंजीकरण पूर्ण हो जाएगा।
पंजीकरण के उपरांत किसान को मोबाइल पर फैक्ट्री चयन का विकल्प मिलेगा, जहां वह अपनी उपज विक्रय के लिए फैक्ट्री का चुनाव कर सकेगा। इसके बाद कपास विक्रय की निर्धारित तिथि का मैसेज प्राप्त होगा। उक्त तिथि को किसान चयनित फैक्ट्री पर अपनी उपज लेकर पहुंचेगा, जहां गुणवत्ता जांच के उपरांत एफ.ए.क्यू. मानकों के अनुरूप कपास की एमएसपी दर पर खरीद की जाएगी। विक्रय उपरांत 72 घंटे के भीतर भुगतान किसान के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में सीधे जमा हो जाएगा।
कपास विक्रय एवं पंजीकरण प्रक्रिया से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या होने पर किसान संबंधित मंडी समिति से संपर्क कर सकते हैं। सहायता हेतु मंडी समिति हनुमानगढ़/पीलीबंगा क्षेत्र के लिए मोबाइल नंबर 8639046763, हनुमानगढ़ टाउन/संगरिया/टिब्बी क्षेत्र के लिए 8837775305, गोलूवाला के लिए 9041430429 तथा रावतसर, नोहर व भादरा क्षेत्रों के लिए 9618856029 जारी किए गए हैं।
जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी समिति के मुख्य मंडी प्रांगण में खरीद प्रक्रिया का शुभारंभ भारतीय कपास निगम के खरीद अधिकारी श्री केवल कुमार शर्मा ने किया। शुभारंभ अवसर पर कृषक बलवीर राम पुनिया (निवासी 12 एम जो डी) की कपास की गुणवत्ता जांच के उपरांत ₹7860 प्रति क्विंटल के एमएसपी दर पर खरीद की गई। इस अवसर पर विपणन विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक श्री डी. एल. कालवा, मंडी सचिव श्री विष्णुदत्त शर्मा, लेखाधिकारी श्री मांगीलाल शर्मा, पर्यवेक्षक श्री आशाराम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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