मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण–2026 नई गति और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रहा
7.25 लाख गणना प्रपत्र ECINET पर अपलोड
पिछली मतदाता सूची में विवरण खोजने हेतु नई सर्च सुविधा प्रारंभ
पहले चरण में शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण करने वाले बीएलओ का हुआ सम्मान
प्रदेश में शत प्रतिशत कार्य पूर्ण करने वाले पहले 500 बीएलओ को निर्वाचन आयोग करेगा सम्मानित
हनुमानगढ़। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण–2026 का कार्य तेजी से प्रगति पर है। 4 नवंबर से प्रदेशभर में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं तथा प्राप्त विवरण का डिजिटाइजेशन कर रहे हैं। 19 नवम्बर में शत-प्रतिशत कार्य पूरा करने वाले विधानसभा नोहर के बूथ संख्या 255 के बीएलओ श्री राजेंद्र कुमार को गुरुवार को सम्मानित किया गया, जो इस अभियान के प्रति उनकी निष्ठा और परिश्रम का प्रमाण है। गुरुवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने वीसी के माध्यम से प्रगति की समीक्षा की।
पिछली मतदाता सूची में विवरण खोजने हेतु नई सर्च सुविधा प्रारंभ
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. खुशाल यादव ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा voters.eci.gov.in पर पिछली एसआईआर की मतदाता सूची में अपने नाम से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए एक नई सर्च सुविधा प्रारंभ की गई है, जिसके अंतर्गत अब मतदाता अपने नाम एवं रिश्तेदार के नाम के आधार पर पिछली एसआईआर की मतदाता सूची में अपना विवरण ढूंढ सकते हैं।
इस नई सुविधा से मतदाताओं को स्वयं एवं बीएलओ को उनकी मैपिंग करने में अत्यधिक सुविधा हो जाएगी और ऐसे मतदाता जिनकी मैपिंग अभी तक करने में देरी लग रही थी , उनके लिए भी अब इस सुविधा से मैपिंग करना बहुत आसान हो जाएगा । ऐसे मतदाता जिनकी मैपिंग हो जाती है उन्हें एसआईआर की संपूर्ण प्रक्रिया में किसी भी तरह का कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
प्रगति की स्थिति : अभियान नई गति और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रहा
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि SIR–2026 के अंतर्गत जिले की सभी पांचों विधानसभा क्षेत्रों में BLO पूरी जिम्मेदारी और तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं। विगत विशेष गहन पुनरीक्षण 2002 की मतदाता सूची से मैपिंग कर जिले में पंजीकृत 14 लाख 47 हजार 472 मतदाताओं में से गुरुवार तक लगभग 7.25 लाख (50%) मतदाताओं के परिगणना प्रपत्र डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा हो गया है।
विधानसभावार प्रगति: अग्रणी विधानसभाएं
डिजिटाइजेशन के कार्य में संगरिया विधानसभा क्षेत्र अग्रणी रहा है। प्रति बीएलओ औसत 600 प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन किया गया। लगभग 1.35 लाख (53%) परिगणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन कर संगरिया क्षेत्र बुधवार को पांचों विधानसभाओं में शीर्ष पर रहा। सर्वाधिक कम नोहर विधानसभा में प्रगति रही, जहां 49 फीसदी मतदाताओं के ईफ डिजिटाइज हुए।
ऑनलाइन गणना प्रपत्रों में हनुमानगढ़ अग्रणी जिला
हनुमानगढ़ उन जिलों में है, जहां मतदाता ऑनलाइन गणना प्रपत्र भरने के लिए तेजी से डिजिटल माध्यम अपना रहे हैं। इसी की बदौलत जिला पूरे प्रदेश में अग्रणी जिलों में शामिल है। जिले के पंजीकृत मतदाताओं में 1 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने ऑनलाइन परिगणना प्रपत्र भरा है। वर्तमान में सीमावर्ती राज्यों— हरियाणा की भी 2002 एसआईआर मतदाता सूची ऑनलाइन होने से, हरियाणा से जिले में स्थानांतरित हुए मतदाता भी ऑनलाइन परिगणना प्रपत्र भर सकते है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ऐसे निर्वाचक जिनके भरे हुए परिगणना प्रपत्र वापिस बूथ लेवल अधिकारी को उपलब्ध नहीं करवाए गए, तो ऐसे मतदाताओं का नाम प्रारूप सूची में शामिल होने से वंचित रह जाएगा। ऐसे मतदाता जिनकी मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टि है, वे मतदाता अपना एक ही परिगणना प्रपत्र भरकर जमा करवाए ताकि दोहरी प्रविष्टि से बचा जा सके।
मतदाता हित के लिए व्यापक सुविधाएं और जागरूकता कार्यक्रम
डॉ. यादव ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने SIR प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सरल और जन-हितैषी बनाने के उद्देश्य से व्यापक कदम उठाए हैं— जिला स्तर पर हेल्पलाइन एवं कॉल-सेंटर, मतदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, सरल गाइडलाइनों और नियमों को आम भाषा में समझाने वाले परिपत्र। जिले में कई कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थलों पर सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं।
व्यापक जन-जागरूकता अभियान
डॉ. यादव ने बताया कि स्वीप कार्यक्रम, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता, सोशल मीडिया पोस्ट, व्हाट्सऐप समूह, पंचायत-स्तरीय बैठकें और मोहल्ला-वार सूचना अभियान जैसे प्रयासों से मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है। विशेष ध्यान वृद्ध, दिव्यांग, प्रवासी मजदूर, अशिक्षित जैसे समुदायों पर दिया गया है, ताकि किसी भी कारणवश ये मतदाता सूची से वंचित न रह जाए। बीएलओ ऐप, पोर्टल और ECINET जैसे डिजिटल माध्यमों ने पंजीकरण और सत्यापन प्रक्रिया को तेज, कुशल और पारदर्शी बना दिया है। भारत निर्वाचन आयोग ने तकनीकी सुधारों के साथ ही मतदाता–हित को केंद्र में रखते हुए एक सहभागितापूर्ण और भरोसेमंद वातावरण तैयार किया है, जो कि लोकतंत्र के प्रति उसकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।



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