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सौर ऊर्जा पंप योजना

खेतों में सौर संयंत्र लगाना हुआ सस्ता

जीएसटी घटने से कृषकों को मिलेगा सीधा लाभ, 31 दिसंबर तक जारी होंगे कार्यादेश


हनुमानगढ़। उद्यान विभाग द्वारा सौर ऊर्जा पंप योजना के क्रियान्वयन में अब और तेजी आएगी। दरअसल, सौर ऊर्जा संयंत्रों पर लगने वाले जीएसटी में कटौती के बाद कृषक हिस्से की राशि कम हो गई है, जिससे किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिल रहा है। जीएसटी दरों में संशोधन के बाद विभाग ने संशोधित प्रशासनिक स्वीकृतियां और कार्यादेश जारी करना शुरू कर दिया है। इससे न केवल किसानों पर आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि योजना की गति भी बढ़ेगी।

लक्ष्य के विरुद्ध 1155 प्रशासनिक स्वीकृतियां

उद्यान उप-निदेशक डॉ. रमेश चंद्र बराला ने बताया कि जिले में वर्ष 2025-26 के लिए 2500 सोलर पंप का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 1155 प्रशासनिक स्वीकृतियां और 890 कार्यादेश जारी हो चुके हैं। विभाग के अनुसार, 22 सितम्बर 2025 से लागू नई जीएसटी दरों के कारण सामान्य श्रेणी के कंट्रोलर वाले विभिन्न पंप क्षमताओं पर किसानों को 4209 से 7811 रुपये तक की सीधी बचत होगी। जिन कृषकों ने पुरानी दरों के आधार पर हिस्सा राशि जमा कर दी थी तथा जिनके बिल फर्मों द्वारा 22 सितंबर से पहले जारी नहीं हुए थे, उन सभी को संशोधित स्वीकृतियां जारी कर अतिरिक्त राशि वापस लौटाई जाएगी।

दस्तावेज अपलोड में ना बरते लापरवाही

उद्यान विभाग वर्तमान में किसानों के ऑनलाइन आवेदनों की डॉक्यूमेंट स्क्रूटिनी कर रहा है। दस्तावेज अधूरे होने पर आवेदन "बैक टू सिटीजन" किया जा रहा है, ताकि कृषक आवश्यक दस्तावेज समय पर अपलोड कर सकें। किसान अपने आवेदन में आवश्यक दस्तावेज ई-मित्र केंद्र या स्वयं राज किसान साथी पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि 30 दिनों के भीतर आपत्तियों की पूर्ति नहीं की गई, तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।

अनुदान, पात्रता और पंप क्षमता निर्धारण

योजना के अंतर्गत पीएम-कुसुम कंपोनेंट ‘बी’ में ऑफ-ग्रिड स्टैंड-अलोन सौर ऊर्जा पंप परियोजना पर 60% अनुदान तथा 40% राशि कृषक द्वारा वहन की जाएगी। साथ ही, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कृषकों को 60% अनुदान के अतिरिक्त 45,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता देय है। वर्तमान में 3, 5, 7.5 एवं 10 एचपी क्षमता में एसी/डीसी, सर्फेस/सबमर्सिबल एवं विभिन्न श्रेणी के कंट्रोलर हेतु 32 अनुमोदित फर्में कार्यरत हैं। तकनीकी सर्वे के आधार पर पंप क्षमता में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जा सकता है।

आवश्यक दस्तावेज

आवेदक का जनाधार कार्ड, नवीनतम जमाबंदी व नक्शा, जल स्रोत होने तथा डीजल पंप से सिंचाई करने का स्वघोषित शपथ पत्र, विद्युत कनेक्शन नहीं होने एवं पहले कभी सौर संयंत्र पर अनुदान न लेने का शपथ पत्र के साथ अनुमोदित फर्म का चयन करना होगा। 

कृषकों को शीघ्र आवेदन करने की अपील

उप–निदेशक डॉ. बराला ने बताया कि विभाग में सौर ऊर्जा संयंत्रों हेतु आवेदनों की संख्या अपेक्षाकृत कम है और स्वीकृतियां शीघ्र जारी की जा रही हैं। उन्होंने कृषकों से अपील की कि वे समय पर दस्तावेज अपलोड कर योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि जीएसटी कटौती से किसानों पर आर्थिक बोझ कम होगा और जिले में सौर ऊर्जा से सिंचाई को बढ़ावा मिलेगा।


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