एएफपी, मीजल्स रुबेला, डिप्थीरिया, परट्यूसिस और नवजात टिटनेस तथा एईएफआई सर्विलेंस को लेकर आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित
हनुमानगढ़। एएफपी, मीजल्स रुबेला, डिप्थीरिया, परट्यूसिस, और नवजात टिटनेस जैसी गंभीर बीमारियों को लेकर संवेदनशीलता बढ़ाने और त्वरित कार्यवाही करने के उद्देश्य से डब्ल्यूएचओ की बीकानेर टीम व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में जिला स्तरीय कार्यशाला आज टाउन स्थित सिंगला होटल में आयोजित हुई। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा, आरसीएचओ डॉ. सुनील विद्यार्थी, डब्ल्यूएचओ डॉ. अनुरोध तिवाड़ी, यूविन से प्रोग्राम कॉर्डिनेटर योगेश शर्मा, डीपीओ सुदेश जांगिड़, डीपीओ जितेन्द्रसिंह, जिले के समस्त खंड एवं शहरी क्षेत्र के सीएचसी, पीएचसी, यूपीएचसी के चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों एवं खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों का आमुखीकरण किया गया।
कार्यशाला में मुख्यत बच्चों में जानलेवा रोग से संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को एएफपी, मीजल्स रुबेला, डिप्थीरिया, परट्यूसिस और नवजात टिटनेस सर्विलेंस संबंधित बीमारियों के सर्विलेंस हेतु संभावित केस चिन्हीकरण, सैंपल संग्रहीकरण, रोग प्रभावित क्षेत्र के सर्वेक्षण मय नियंत्रण एवं एईएफआई सर्विलांस (टीकाकरण पश्चात प्रतिकूल प्रभाव) एवं नियमित टीकाकरण के गुणवत्तापूर्ण संचालन के संबंध में की जाने वाली कार्यवाही तथा फॉलोअप को गंभीरता से लिए जाने पर विशेष जोर दिया गया। इसके अलावा नियमित टीकाकरण की माइक्रोप्लानिंग पर भी चर्चा की गई। बीकानेर इकाई विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनुरोध तिवारी ने चिकित्सा अधिकारियों को पांचों वीपीडी बीमारियों के संबंध में प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
डॉ. नवनीत शर्मा ने कहा कि जिलास्तर पर टीकाकरण में खण्ड स्तर पर बेहतरीन कार्य एवं मानिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा हमें और इन पांचों बीमारियों एवं नियमित टीकाकरण के संबंध में विशेष अहतियात बरतनी चाहिए एवं इसकी रिपोर्टिंग भी नियमानुसार संबंधित सॉफ्टवेयर एवं निदेशालय भिजवानी चाहिए। यूविन से योगेश शर्मा ने साफ्टवेयर संबंधी जानकारी दी।



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