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डीएपी व यूरिया उर्वरकों की सुव्यवस्थित एवं सुचारू वितरण व्यवस्था

रबी फसलों की बुवाई पूर्ण, यूरिया–डीएपी वितरण पर सख्त निगरानी शुरू

हनुमानगढ़। जिले में वर्ष 2025-26 की रबी सीजन की बुवाई लगभग पूर्ण हो चुकी है और किसान अब फसलों को पहली सिंचाई के साथ यूरिया की स्प्लिट डोज दे रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा किसानों को आवश्यक उर्वरकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं, ताकि किसी भी स्तर पर दिक्कत न आए।

डीएपी व यूरिया उर्वरकों की सुव्यवस्थित एवं सुचारू वितरण व्यवस्था बनाए रखने के लिए ब्लॉकवार प्रभारी एवं सह-प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध परिवहन रोकने के लिए पुलिस चौकियों के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जा रही है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी परिस्थिति में उर्वरकों के साथ अन्य कृषि-इनपुट की टैगिंग न की जाए।

विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ आपूर्तिकर्ता व विनिर्माता कंपनियाँ यूरिया और डीएपी के साथ सल्फर, बायो पोटाश, हर्बीसाइड, पेस्टिसाइड, सूक्ष्म तत्व मिश्रण तथा बायोफर्टिलाइज़र जैसे उत्पादों की टैगिंग कर आपूर्ति कर रही हैं। विभाग ने इसे पूरी तरह अनुचित बताते हुए कहा है कि यह कार्य एफसीओ-1985, उर्वरक नियंत्रण आदेश तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 का स्पष्ट उल्लंघन है।

कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि टैगिंग से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित आपूर्तिकर्ता या विक्रेता पर निर्धारित प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित टीमें नियमित निरीक्षण कर बाजार में अनियमितताओं पर नजर रखे हुए हैं।

संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. प्रमोद कुमार ने किसानों से अपील की है कि यदि कोई विक्रेता उर्वरकों की जबरन टैगिंग करता है या मूल्य से अधिक राशि वसूलता है, तो इसकी शिकायत तुरंत जिला नियंत्रण कक्ष – 97821-91165 पर दर्ज करवाएं। विभाग ने आश्वस्त किया है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम समयबद्ध तरीके से उठाए जाएंगे।

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